राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद सुधाकर सिंह ने रविवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान का बचाव किया जिसमें उन्होंने बिहार में “डीके टैक्स” का आरोप लगाया था।
राजद सांसद ने यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान आरोप लगाया, “नीतीश के जमाने में वसूली बराबर होती रही। समय-समय पर एजेंट जरूर बदल जाते हैं, वसूली हमेशा चलती है। तेजस्वी यादव ने ठीक कहा कि पहले ‘आरसीपी’ थे अब ‘डीके’ हैं, यह नई बात नहीं है। फिलहाल वसूली एजेंट ‘डीके’ हैं।”
सुधाकर सिंह ने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार “नाममात्र के मुख्यमंत्री” हैं। बीपीएससी मुद्दे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वह लंबे समय से नौकरी बेचने का काम करते रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है। दर्जनों बार पेपर लीक हुआ, दर्जनों बार हंगामा हुआ। अब नीतीश कुमार को हटाना ही विकल्प है।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को बचाना है तो नीतीश को हटाना होगा और दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
दरअसल, हाल ही में तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि बिहार में न तो डीजीपी की चलती है और न ही मुख्य सचिव की कुछ चल रही है। वो सजा कर रखने वाला पद भी नहीं रह गया। मुख्यमंत्री कहीं जाते हैं तो इनको बुलाते भी नहीं हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार चलाने का काम रिटायर अधिकारी ही कर रहे हैं। बिहार में अभी ‘डीके टैक्स’ चल रहा है। बिहार में वसूली और अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में हेराफेरी चल रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव पर सुधाकर सिंह ने कहा कि भाजपा वहां हारेगी। अरविंद केजरीवाल के बिहारियों को अपमान करने से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भाजपा का आईटी विंग तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर मुद्दा बना देता है। उनके बयान को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। फर्जी मतदाता बढ़े हैं, इसकी पुष्टि हुई है। उनके क्षेत्र में मतदाता बढ़े हैं, यह बात सही है।
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