N1Live National लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा के दौरान गौरव गोगोई बोले- कांग्रेस ने दिया राष्ट्रगीत का दर्जा
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लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा के दौरान गौरव गोगोई बोले- कांग्रेस ने दिया राष्ट्रगीत का दर्जा

During the discussion on 'Vande Mataram' in the Lok Sabha, Gaurav Gogoi said that Congress gave it the status of national anthem.

लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर चल रही विशेष चर्चा के दौरान सोमवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन की याद दिलाने वाला है, क्योंकि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई की आत्मा था।

गौरव गोगोई ने कहा, “मैं वंदे मातरम् की 150वीं जयंती पर हो रही इस अहम चर्चा में भाग ले रहा हूं। बंगाल की पवित्र भूमि में एक अद्भुत शक्ति है। यही भूमि हमें राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत, दोनों देती है। उस समय के कवियों और लेखकों ने ऐसे गीत रचे, जिनसे स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने की ताकत मिली।”

उन्होंने याद दिलाया कि आजादी की लड़ाई के दिनों में कई नारे और गीत थे, जिन्होंने क्रांतिकारियों में उत्साह भरने का काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही ‘वंदे मातरम्’ को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया था।

गोगोई ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि 1905 में बनारस में हुए कांग्रेस अधिवेशन में वंदे मातरम् का सार्वजनिक प्रदर्शन हुआ था। इसी गीत के माध्यम से भारतीयों में आत्मविश्वास और साहस बढ़ा।

सांसद गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “मैंने पीएम मोदी का भाषण ध्यान से सुना। ऐसा लग रहा था, जैसे वे यह दिखाना चाहते हों कि उनके राजनीतिक पूर्वज ब्रिटिश शासन के खिलाफ सीधी लड़ाई में शामिल थे। उनके बयान से इतिहास को दोबारा लिखने की कोशिश झलक रही थी।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर भाषण में पंडित नेहरू का नाम लेते हैं, जबकि आप चाहे जितनी कोशिश कर लें, पंडित नेहरू पर एक भी दाग लगाने में सफल नहीं होंगे। गोगोई ने कहा कि वंदे मातरम् ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक था और इसका मूल संदेश यही था कि भारतीय न डरेंगे और न झुकेंगे।

उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा, “भारत छोड़ो आंदोलन में आपके राजनीतिक पूर्वज कहां थे? उस समय आप लोग किस आंदोलन में शामिल थे?”

गोगोई ने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा वंदे मातरम् के मूल विचार और भावना को सम्मान देती रही है और आगे भी उसी मार्ग पर चलेगी। वंदे मातरम् की ऐतिहासिक यात्रा और इसके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को समझना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह गीत भारतीयों की सामूहिक शक्ति और एकता का प्रतीक रहा है।

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