N1Live National धूल कांग्रेस के चेहरे पर थी और वो आईना साफ कर रहे थे: मुख्तार अब्बास नकवी
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धूल कांग्रेस के चेहरे पर थी और वो आईना साफ कर रहे थे: मुख्तार अब्बास नकवी

Dust was on Congress's face and they were cleaning the mirror: Mukhtar Abbas Naqvi

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस को हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकारने की सलाह दी है। समझाया है कि गलती उन से कहां हुई। इसके साथ ही वरिष्ठ भाजपा नेता ने लखनऊ में जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण विवाद से लेकर जम्मू कश्मीर के नतीजों पर विचार साझा किए।

मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि इस पर अब कुछ कहना चाहिए। लेकिन, एक बात तो यह सही है कि कांग्रेस के चेहरे पर धूल थी और वह आईना साफ करने में लगे थे। आईना साफ करने से चेहरा चमकने लगे, ऐसा कभी होता नहीं है।

नकवी ने इशारों-इशारों में बताया कि दरअसल, गलती कहां हुई। उन्होंने कहा, हर दूसरा कांग्रेसी यह दावा कर रहा था कि वे मुख्यमंत्री हैं। पहली बात तो यह है कि आपको जनादेश के बारे में कोई जानकारी नहीं थी; उससे पहले ही आपने अपनी सत्ता का ढोंग करना शुरू कर दिया था।

इस बीच, हरियाणा विधानसभा चुनाव में बहुमत का आंकड़ा न छू पाने पर कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व समीक्षा कर रहा है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा है, सब कुछ हमारे पक्ष में था। लेकिन, हम जीत नहीं पाए। इसका हमें दुख है।

वहीं, जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण को लेकर भाजपा पर समाजवादी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं। इस पर भाजपा नेता ने कहा, आपातकाल के दौरान जब कांग्रेस पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या की, तब समाजवादी, जनता संघ के सदस्य और पूरा विपक्ष स्वतंत्रता संग्राम में एकजुट हुआ, महत्वपूर्ण बलिदान दिए, जेल गए और इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह संघर्ष कांग्रेस के अहंकार, अराजकता और असंवैधानिक अपराधों के खिलाफ था। इसलिए, जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में किया गया आंदोलन महत्वपूर्ण था और यह वास्तव में उन सभी के लिए गर्व की बात है जो उनके योगदान को याद करते हैं।

जम्मू कश्मीर चुनाव के नतीजों को नकवी ने लोकतंत्र के लिए अच्छा माना। नकवी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हुए चुनाव लोकतंत्र की जीत हैं। जिस उत्साह के साथ लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, वह इस बात का प्रमाण है कि जम्मू-कश्मीर के लोग लोकतंत्र, लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों के साथ खड़े हैं। जम्मू-कश्मीर की नई सरकार का संवैधानिक दायित्व है कि वह अपने लोगों की सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि के लिए पूरी लगन से काम करे। इसके अलावा, संविधान के तहत जो भी सही होगा, राज्य सरकार को केंद्र सरकार का समर्थन मिलेगा।

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