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पूर्वी सेना प्रमुख ने मिजोरम के राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ की भारत-म्यांमार सीमा सुरक्षा पर चर्चा

Eastern Army Chief discusses India-Myanmar border security with Mizoram Governor, Chief Minister

आइजोल, 22 मई । सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी ने मंगलवार को मिजोरम के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ अलग-अलग बैठकें कीं और म्यांमार के साथ सीमा पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति और चुनौतियों से निपटने के लिए असम राइफल्स की परिचालन तैयारियों पर चर्चा की।

मिजोरम सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राजभवन में राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति के साथ बैठक की और भारत-म्यांमार सीमाओं पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।

अधिकारी ने कहा, “सेना के अधिकारियों ने राज्यपाल को सीमा पर चुनौतियों से निपटने के लिए असम राइफल्स की परिचालन तैयारियों के बारे में जानकारी दी।”

लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री लालदुहोमा के साथ भी बैठक की और सीमा और अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने बाद में एक्स पर एक पोस्ट में कहा : “आज मैंने जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी से मुलाकात की। हमने समन्वय में सुधार के लिए एआर ग्राउंड के स्थानीय उपयोग को बढ़ाने, किसानों के लिए जोखावसांग बाईपास रोड विकसित करने और नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की।

मिजोरम की 510 किलोमीटर सीमा म्यांमार के साथ और 318 किलोमीटर की सीमा बांग्लादेश के साथ लगती है। म्यांमार सीमा की सुरक्षा असम राइफल्स द्वारा की जा रही है, जबकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा प्रदान करती है।

फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद चिन राज्य से 34,350 से अधिक म्यांमारवासी मिजोरम भाग गए।

बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों में जातीय परेशानियों के कारण नवंबर 2022 से पड़ोसी देश के 1,433 आदिवासियों ने मिजोरम में शरण ली है।

भारत-म्यांमार सीमा पर नशीली दवाओं और अन्य प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी भी बड़े पैमाने पर होती है।

अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम तक फैली भारत-म्यांमार सीमाओं की भेद्यता का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) को खत्म करने के लिए सीमाओं पर बाड़ लगाने का फैसला किया है।

मिजोरम और नगालैंड सरकार के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

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