December 24, 2024
National

बिहार जातीय गणना का आर्थिक सर्वे विधानसभा में पेश, सामान्य जाति में 25 प्रतिशत लोग गरीब

Economic survey of Bihar caste census presented in Assembly, 25 percent people in general caste are poor

पटना, 7 नवंबर । बिहार में हाल में ही हुई जातीय गणना की रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई। इस दौरान आर्थिक सर्वे भी सदन के पटल पर रखा गया।

सदन में पेश रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सामान्य जाति में जहां 25.09 प्रतिशत लोग गरीब हैं, वहीं अनुसूचित जाति में 42.93 प्रतिशत लोग गरीब हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, सामान्य जाति के कुल 43.28 लाख परिवारों में 10.85 लाख परिवार यानी 25.09 प्रतिशत गरीब हैं। इसी तरह पिछड़ा वर्ग में 33.16 प्रतिशत, अति पिछड़ा में 33.58 प्रतिशत, अनुसूचित जाति में सबसे अधिक 42.93 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति में 42.70 प्रतिशत परिवार गरीब हैं।

आंकड़ों को सच मानें तो प्रदेश में एक तिहाई आबादी गरीब है। सूबे के 34.13 फीसदी परिवारों की मासिक आय महज 6 हजार रुपये है।

सरकार ने इन्हें गरीबी की श्रेणी में रखा है। सामान्य वर्ग यानी सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीबी भूमिहारों में है। बिहार में 27.58 प्रतिशत भूमिहार आर्थिक रूप से गरीब हैं। उनके कुल परिवारों की संख्या 8 लाख 38 हजार 447 है, जिनमें 2 लाख 31 हजार 211 परिवार गरीब हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, 25.32 प्रतिशत ब्राह्मण परिवार गरीब हैं जबकि राजपूतों में 24.89 प्रतिशत आबादी गरीब है। कायस्थों में 13.83 प्रतिशत लोग ही गरीब हैं।

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