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बाल दिवस समारोह में बोले सीएम, ‘बेटी पढ़ाओ’ सिर्फ नारा नहीं, मेरा निजी मिशन है

"Educate the girl child" is not just a slogan, it's my personal mission, says CM at Children's Day celebrations

मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि ‘बेटी पढ़ाओ’ केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह मेरा व्यक्तिगत मिशन है, जो महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करेगा।

बाल दिवस के अवसर पर, मुख्यमंत्री ने आज यहाँ रिज पर ‘राज्य के बच्चे खेलकूद एवं सांस्कृतिक सम्मेलन-2025’ का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम पुलिस और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। राज्य भर के 29 बाल बालिका सुख आश्रय आश्रमों के लगभग 600 बच्चे इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, सुक्खू ने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की है, जिसके तहत अनाथ, बेसहारा बच्चों और महिलाओं के कल्याण के लिए कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा, “एक अभिभावक के रूप में कार्य करते हुए, हर बालिका के लिए पूर्ण सुरक्षा, शिक्षा और अवसर सुनिश्चित करते हुए, ‘बेटी पढ़ाओ’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि मेरा व्यक्तिगत मिशन है।”

सुखू ने कहा कि राज्य ने 6,000 अनाथ और परित्यक्त बच्चों को ‘राज्य के बच्चों’ के रूप में गोद लिया है और 27 वर्ष की आयु तक उनकी पूरी देखभाल, शिक्षा और सहायता सुनिश्चित की है। उन्होंने घोषणा की कि बेहतर अवसर सुनिश्चित करने के लिए, इन बच्चों को हर जिले के प्रमुख स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा और उनकी शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

उन्होंने कहा कि बाल दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को समर्पित है। यह खेल और सांस्कृतिक महोत्सव नेहरू के हर बच्चे के लिए स्नेह, समान अवसर और उज्जवल भविष्य के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के राज्य सरकार के संकल्प को दर्शाता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों को लैपटॉप और स्कूल बैग वितरित किए।

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