मुंबई, 6 दिसंबर । शिवसेना नेता राजू वाघमारे ने शुक्रवार को आईएएनएस से बात करते दावा किया कि मुख्यमंत्री न बनने पर एकनाथ शिंदे नाराज नहीं है। महायुति में सब कुछ ठीक है और सभी मिलकर सरकार चलाएंगे।
राजू वाघमारे ने कहा, “प्रदेश में महायुति की सरकार है, वहां पर लोगों में उत्साह था। लोगों का कहना था कि प्रदेश में ‘महायुति’ की सरकार आनी चाहिए और ऐसा ही हुआ। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आए थे। कैबिनेट के सभी मिनिस्टर, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री आए थे।”
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बनने के कारण एकनाथ शिंदे की नाराजगी की चर्चा पर राजू वाघमारे ने कहा, “पता नहीं लोग ऐसा क्यों बोल रहे हैं कि एकनाथ शिंदे नाराज चल रहे हैं। वो नाराज क्यों होंगे। उन्होंने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरी बात साफ की। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पद का शपथ लिया। शपथ के बाद दिए पहले भाषण में उन्होंने साफ किया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में संविधान के अनुरूप हम महाराष्ट्र में काम करेंगे। ऐसे में सब कुछ ठीक है।”
महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय के विभाग को लेकर शिवसेना नेता ने कहा, “पहले भी कई बार कहा जा चुका है कि न एकनाथ शिंदे ने और न ही हमारे किसी नेता ने गृह मंत्रालय की मांग की है। सिर्फ यह कहा गया है कि जब कांग्रेस के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कांग्रेस का था, तो उपमुख्यमंत्री को यह मंत्रालय दिया गया था। हो सकता है कि यह सवाल पूछा गया, जिस पर हमारे नेता ने कहा, अगर ऐसा होता है तो अच्छी बात है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इसको मांग नहीं की गई है। पूरी ‘महायुति’ एक साथ है।”
उन्होंने कहा, उपमुख्यमंत्री पद शिवसेना को मिलने वाला था, लेकिन शिवसेना का कौन सा नेता उपमुख्यमंत्री का पद संभालेगा, इसका फैसला एकनाथ शिंदे ही करने वाले थे। ऐसे में नाराजगी की कोई बात नहीं थी। अब सब कुछ हो चुका है, ऐसे में इन बातों का कोई फायदा नहीं है।
मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर राजू वाघमारे ने कहा, “यह जल्द ही होगा। पहले विधायकों की शपथ होगी और अधिवेशन से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होना चाहिए। विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्री पद का बंटवारा होना चाहिए।”
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हिंसा के बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा वहां जाने को लेकर शिवसेना नेता ने कहा, “जहां भी हिंसा होती है, वहां पर राहुल गांधी जाते हैं, तो वो लोगों को असुविधा में डाल देते हैं। वहीं, राहुल गांधी को संभल की परिस्थिति के ऊपर राजनीति नहीं करनी चाहिए।”