नई दिल्ली, 30 अक्टूबर । निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा लगाए गए अनियमितता के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। आयोग ने आरोपों को बेबुनियादी बताया। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र भी लिखा।
आयोग ने अपने पत्र में कहा, “ईसीआई इस वैधानिक संस्था की अखंडता की रक्षा करने के लिए बाध्य है। कुछ ‘सामान्य’ याचिकाएं या शिकायतें बिना किसी सबूत के झूठी कहानियां गढ़ने के लिए स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं।”
दरअसल, कांग्रेस ने बीते दिनों कई आरोप लगाए थे। कांग्रेस का आरोप था कि हरियाणा में काउंटिंग की गति धीमी थी और ईवीएम से भी छेड़खानी की गई थी। लेकिन, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को न सिरे से खारिज कर दिया, बल्कि यह भी कहा कि इस तरह के आरोप समाज में अशांति और अराजकता फैलाने के मकसद से लगाए गए हैं, जिनका कोई औचित्य नहीं है। इन आरोपों का सत्यता से कोई लेना देना नहीं है।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए इन आरोपों के जवाब में 16,00 पन्नों का पत्र भी लिखा है।
आयोग ने कहा कि कांग्रेस बार-बार इस तरह के आरोप लगाती है। लेकिन, विडंबना देखिए कि हर बार ये आरोप गलत ही साबित होते हैं। जब इन लोगों को नतीजे पसंद नहीं आते हैं, तो ये लोग चुनाव आयोग पर ही सवाल उठाना शुरू कर देते हैं। मुझे लगता है कि इस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
वहीं, आयोग ने कांग्रेस को हिदायत देते हुए कहा कि उसे इस तरह की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। कांग्रेस द्वारा जिस तरह से लगातार बेबुनियाद शिकायत दर्ज कराई जा रही है, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है ।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं हुई थी। लिहाजा, इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार से सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है।