हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम, सुंदरनगर इकाई के सदस्यों ने 2016 से 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान, अवकाश नकदीकरण, ग्रेच्युटी और महंगाई भत्ते (डीए) के बकाया का भुगतान न करने पर रोष व्यक्त किया। फोरम की एक बैठक मंडी जिले के सुकेत सिनेमा परिसर में अध्यक्ष केएस जम्वाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
केएस जामवाल के अलावा, फोरम के महासचिव सोहन सिंह चौहान और राज्य उप-महासचिव जगमेल ठाकुर ने पेंशनभोगियों की विभिन्न अनसुलझी समस्याओं पर पिछली कार्यकारिणी बैठक में पारित प्रस्तावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सदस्यों को इन लंबित मामलों के समाधान के उद्देश्य से फोरम की वर्तमान गतिविधियों से भी अवगत कराया।
वक्ताओं ने पेंशनभोगियों और श्रेणी ए और बी के कर्मचारियों के लिए हाल ही में टैरिफ सब्सिडी में कटौती करने के लिए विद्युत बोर्ड और राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विभाग ने न केवल मार्च से सब्सिडी कम कर दी, बल्कि उसी महीने के बिजली बिलों में एकमुश्त बकाया राशि भी जोड़ दी, जिससे पेंशनभोगियों पर वित्तीय दबाव बढ़ गया।
मंच ने राज्य सरकार के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, “जबकि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बार-बार आश्वासन दिया है कि कोई उपभोक्ता सब्सिडी वापस नहीं ली गई है और 125 यूनिट का लाभ बरकरार है, बिजली विभाग ने वास्तव में पेंशनरों और अपने स्वयं के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए यह राहत बंद करना शुरू कर दिया है।”
मंच ने कहा, “जब सरकार अन्य राज्यों से पानी की रॉयल्टी मांगती है और दावा करती है कि यह हिमाचल का है, तो हमें उसी पानी से उत्पादित बिजली पर टैरिफ सब्सिडी से क्यों वंचित किया जा रहा है?”

