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मध्य प्रदेश के शहडोल में रोजगार सृजन कार्यक्रम से सपने हुए साकार, लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री का जताया आभार

Employment generation program in Shahdol, Madhya Pradesh made dreams come true, beneficiaries expressed gratitude to the Prime Minister

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ देश में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने में व्यापक स्तर पर सफल हुआ है। इस योजना ने लाखों लोगों की जिंदगी बदली है और उनके उद्यमी बनने के सपने को साकार किया है। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में भी सैकड़ों लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

शहडोल से लगभग 12 किलोमीटर दूर ‘मैडम श्री स्पाइस’ के नाम से खुद का उद्योग स्थापित करने वाले लाभार्थी अंबर जैन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि उनके उद्यमी और आत्मनिर्भर बनने में ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ का बड़ा योगदान रहा है। कोरोना के दौरान नौकरी छूटने के बाद आर्थिक स्थिति दयनीय थी। ऐसे समय में इस योजना का सहारा मिला। इस योजना के माध्यम से मिले पैसों से खुद का उद्योग स्थापित किया है। आज खुद की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है ही, स्थानीय स्तर पर कई लोगों रोजगार देने में भी सक्षम हैं।

महिला लाभार्थी कशिश रोहरा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान घरेलू कार्य के बीच खुद का उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भर बनने और परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने की सोच को साकार करने में ‘पीएमईजीपी’ का साथ मिला। प्रधानमंत्री की महिलाओं को मजबूत और सशक्त बनाने की सोच की कशिश रोहरा ने सराहना की।

लाभार्थी महबूद आलम ने बताया कि पैसों की तंगी और उससे होने वाली परेशानियों के चलते खुद का व्यवसाय स्थापित करने में काफी दिक्कतें आ रही थी। ऐसे में ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ से मिले पैसों और साथ में मिली छूट ने कारोबार शुरू करने और उसे बढ़ाने में सहयोग दिया। आलम ने सरकार से गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के लिए ऐसी और योजनाएं शुरू करने की अपील की।

‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना’ (पीएमईजीपी) वर्ष 2008 में शुरू की गई थी। इस योजना के लिए 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति जो आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हो, आवेदन कर सकता है। विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपए से अधिक और व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में पांच लाख रुपए से अधिक लागत वाली परियोजनाओं के लिए इस योजना के तहत ऋण मिलता है। विनिर्माण क्षेत्र में स्वीकार्य परियोजना/इकाई की अधिकतम लागत 50 लाख रुपए है। व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में अधिकतम राशि 20 लाख रुपए है। भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत सरकारी सब्सिडी का लाभ पहले से उठाने वाले इस योजना के पात्र नहीं हैं। योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है।

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