March 26, 2025
National

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवाद‍ियों के बीच मुठभेड़

Encounter between security forces and terrorists in Kathua district of Jammu and Kashmir

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सान्याल गांव में कुछ संदिग्ध लोगों की मौजूदगी की सूचना म‍िलने पर संयुक्त बलों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।

एक सूत्र ने बताया कि सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सहित संयुक्त बलों ने वहां छिपे आतंकवादियों को घेर लिया, ताे उन पर गोलीबारी की गई। इसके जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई, जो अभी जारी है।

सूत्र ने आगे बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा लगाए गए घेरे के अंदर चार से पांच आतंकवादी छिपे हो सकते हैं। वहां से न‍िकलने वाले सभी रास्‍तों को बंद करने के ल‍िए इलाके में अतिरिक्त बलों को भेजा गया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित इस ज‍िले में पहले भी आतंकवादी सीमा पार करके भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर चुके हैं।

पांच मार्च को कठुआ में तीन नागरिक दर्शन सिंह (40), योगेश सिंह (32) और वरुण सिंह (14) मरहून गांव में एक शादी समारोह से लौटते समय लापता हो गए थे। सेना, पुलिस, ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से व्यापक खोज के बाद 8 मार्च को एक जंगली इलाके में एक झरने के पास उनके शव बरामद किए गए।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “कठुआ के बानी इलाके में आतंकवादियों द्वारा तीन रिश्तेदारों की नृशंस हत्या अत्यंत दुखद और चिंता का विषय है।

इस घटना के मद्देनजर, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन 9 मार्च को जम्मू आए और 3 जुलाई से शुरू होने वाली सुरक्षित और शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रा और जल्द ही उद्घाटन किए जाने वाले उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) के संबंध में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

गृह सचिव ने जम्मू संभाग में सुरक्षा स्थिति पर जोर दिया, जबकि जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।

शुरू में पुंछ और राजौरी जिलों तक सीमित आतंकवादी गतिविधियां अब जम्मू के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गई हैं, जिनमें कुछ साल पहले तक अपेक्षाकृत ऐसी घटनाओं से मुक्त रहे चिनाब घाटी, जिसे आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया है और उधमपुर तथा कठुआ जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं।

पूर्व में आतंकवादी वाहनों पर घात लगाकर हमला करते रहे हैं और ग्रेनेड और कवच-भेदी गोलियों के साथ-साथ एम4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल करते रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि आतंकवादियों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल खतरे के स्तर में वृद्धि दर्शाता है। विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में, कश्मीर घाटी को जम्मू से अलग करने वाले पीर पंजाल क्षेत्र में उग्रवाद में उछाल देखा गया है क्योंकि कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों ने आतंकवादियों को पहाड़ों पर धकेल दिया है, जहां वे छिपते हैं और सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए सही समय का इंतजार करते हैं।

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