चंबा के डिप्टी कमिश्नर मुकेश रेपसवाल ने बुधवार को जिले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप हो।
वे जिला सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को विभाग के पास उपलब्ध मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने खाद्य सुरक्षा नियमों के बारे में ज्ञान बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया।
बैठक के दौरान श्री रेपसवाल ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा की तथा इसके अन्तर्गत विभागीय गतिविधियों का आंकलन किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा दीपक आनंद ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जिले के खाद्य सुरक्षा उपायों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि अधिनियम के तहत 158 खाद्य विक्रेताओं को खाद्य लाइसेंस जारी किए गए हैं। इसके अलावा, 50 सामान्य नमूने और 130 निगरानी नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 61 खाद्य व्यापार संचालक इकाइयों का निरीक्षण किया गया है।
स्वच्छता ऑडिट पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 2024-25 में 15 होटल, रेस्टोरेंट और खाद्य विक्रय प्रतिष्ठानों का स्वच्छता रेटिंग ऑडिट किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बिपेन शर्मा ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी दी।
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