मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया, जिसमें बिजली उपभोक्ताओं पर दूध उपकर और पर्यावरण उपकर लगाने का प्रस्ताव है। विधेयक में शून्य बिल वाले उपभोक्ताओं को छोड़कर बिजली उपभोक्ताओं पर 0.10 रुपये प्रति यूनिट दूध उपकर लगाने का प्रस्ताव है। विधेयक के अनुसार, सरकारी अधिसूचनाओं के माध्यम से दूध उपकर को 50 प्रतिशत तक संशोधित किया जा सकता है। उपकर से एकत्रित राजस्व का उपयोग दूध उत्पादकों को मजबूत करने और उनके उत्थान के लिए किया जाएगा।
कोई भुगतान नहीं अगर जरूरत पड़ी तो इन कार्यों पर खर्च होने वाली राशि संबंधित अधिकारियों के वेतन से काटी जाएगी। साथ ही विभाग के अधिकारियों द्वारा किए गए ऐसे सभी कार्यों का भुगतान भी रोक दिया जाएगा। मुकेश अग्निहोत्री, उपमुख्यमंत्री
दूध उपकर के अलावा, विधेयक में पर्यावरण उपकर का भी प्रस्ताव है, जो विभिन्न श्रेणियों के बिजली उपभोक्ताओं पर लगाया जाएगा। यह उपकर छोटे औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए 0.02 रुपये प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए 0.04 रुपये प्रति यूनिट और बड़े औद्योगिक और वाणिज्यिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए 0.10 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित है। अस्थायी कनेक्शन और स्टोन क्रशर पर 2 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क लगाया जाएगा, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को 6 रुपये प्रति यूनिट की उच्च दर का भुगतान करना होगा।
पर्यावरण उपकर का उद्देश्य राज्य में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना और पर्यावरण की रक्षा करना है। दूध उपकर की तरह पर्यावरण उपकर की दरों को भी सरकारी अधिसूचना के माध्यम से 50 प्रतिशत तक संशोधित किया जा सकता है। इस विधेयक पर कल विधानसभा में चर्चा होगी।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो अपने “कार्य क्षेत्र” से बाहर गए हैं।
विधायक पवन काजल द्वारा नियम 62 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि जिन विभागीय अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सड़कें बनाई हैं तथा श्मशान घाटों का निर्माण किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि दौलतपुर जलाड़ी, समेला और सकोट उठाऊ पेयजल योजनाओं के निरीक्षण के दौरान बह गए कनिष्ठ अभियंता के परिवार के सदस्यों को नियमों में ढील देकर नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है और इनका शीघ्र ही उद्घाटन किया जाएगा।
अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में जल शक्ति विभाग का एक डिवीजन खोलेगी। उन्होंने कहा, “64 विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे डिवीजन पहले ही खोले जा चुके हैं और केवल चार खंड शेष हैं। कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र भी सूची में शामिल है और वहां एक डिवीजन खोलने पर सरकार विचार कर रही है।”
अग्निहोत्री ने कहा कि कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में 28 पेयजल योजनाओं का कार्य पूरा हो चुका है तथा 10 योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए 24.07 करोड़ रुपये की 10 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें से आठ योजनाओं का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि दो योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इन योजनाओं के तहत 6,096 घरों में नल लगाए जा चुके हैं।