महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एमएलए विजय वड्डेटीवार ने नगरपालिका और नगर पंचायत चुनावों की मतगणना की तारीख आगे बढ़ाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के तारीख बढ़ाने के फैसले ने पूरी चुनाव प्रक्रिया का मजाक बना दिया है। वड्डेटीवार के मुताबिक यह फैसला बिल्कुल गलत है और इसके लिए सीधे-सीधे राज्य सरकार और चुनाव आयोग जिम्मेदार है।
विजय वड्डेटीवार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत मतलब निकाला जा रहा है। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, यह दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। उनका सवाल है कि आखिर सरकार किस दिशा में काम कर रही है? पहले मतगणना 3 दिसंबर को होनी थी, अब उसे बढ़ाकर 21 दिसंबर कर दिया गया है।
वड्डेटीवार का कहना है कि चुनाव आयोग पूरी तरह सरकार के दबाव में काम कर रहा है और कठपुतली बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पहले भी कई चुनाव हुए, लेकिन कभी मतगणना की तारीख इस तरह नहीं बदली गई। इससे साफ है कि सरकार जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया को लटकाना चाहती है।
उन्होंने सवाल उठाया कि मतगणना रोकने के पीछे कौन सा खेल चल रहा है? क्या पैसे का लेनदेन हो रहा है? क्या वोट चोरी की कोशिश हो रही है? या फिर सरकार को डर है कि चुनाव परिणाम उनके खिलाफ जा सकते हैं? उनका कहना है कि यह सब कदम लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है।
वड्डेटीवार का आरोप है कि फडणवीस सरकार इस पूरे मामले की जिम्मेदार है और चुनाव नतीजों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है कि मतगणना में देरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का गला घोंटने जैसा है और जनता के भरोसे के साथ खिलवाड़ है।
नागपुर बेंच ने फैसला सुनाया है कि 3 दिसंबर को घोषित होने वाले म्युनिसिपल और नगर पंचायत चुनावों के नतीजे 21 तारीख को घोषित किए जाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य में कुछ जगहों पर चुनाव टाल दिए गए हैं, जिन जगहों पर चुनाव टाले गए हैं, वहां 20 तारीख को वोटिंग होगी और 21 तारीख को नतीजे घोषित किए जाएंगे। अगर नतीजे बुधवार को घोषित किए गए, तो संभावना है कि इन नतीजों का असर उन जगहों की वोटिंग पर पड़ेगा, जहां चुनाव टाले गए हैं।

