फरीदाबाद, 16 फरवरी
फरीदाबाद नगर निगम (MCF) ने निवासियों के विरोध के मद्देनजर जिले के सोताई गांव के पास अपशिष्ट पृथक्करण और पुनर्चक्रण संयंत्र बनाने की अपनी परियोजना को बंद कर दिया है। पिछले दो वर्षों में यह तीसरी बार है जब नगर निकाय ने विरोध को देखते हुए इस तरह की परियोजना को छोड़ दिया है।
एमसी के सूत्रों ने कहा, “पिछले दो महीनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है, जब यह घोषणा की गई थी कि यहां एक डंपिंग सुविधा विकसित की जाएगी।” उन्होंने कहा कि पिछले महीने बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए टेंडर जारी होने के बावजूद कोई काम शुरू नहीं किया गया है
नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि कई गांवों के निवासी पंचायतों का आयोजन कर रहे हैं, जो विधायकों सहित निर्वाचित प्रतिनिधियों का ध्यान और समर्थन आकर्षित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने 65 लाख रुपये का टेंडर जारी कर अधिकारियों ने परियोजना पर 6.5 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव दिया था। यह दावा किया गया था कि संयंत्र एनजीटी मानदंडों के अनुसार अपशिष्ट पृथक्करण को सक्षम करेगा। अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया था कि कचरे का निपटान वैज्ञानिक तरीके से किया जाए, जिसमें शत-प्रतिशत पुनर्चक्रण हो और पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। हालांकि, निवासियों की चिंताओं ने आधिकारिक दावों को पछाड़ दिया, जिससे नागरिक निकाय ने परियोजना को छोड़ दिया, यह बताया गया है।
नयन पाल रावत, पृथला विधानसभा क्षेत्र के विधायक, जिसमें सोतई गांव स्थित है, ने भी आज घोषणा की कि गांव के पास कोई कचरा डंपिंग स्टेशन नहीं बनाया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ‘इससे पहले सेक्टर 74 और पाली गांव के पास दो जगहों पर इसी तरह का प्लांट लगाने की कोशिशों का कड़ा विरोध हुआ था, जिसके चलते प्रोजेक्ट रुक गए थे।’
शहर से रोजाना 900 टन से ज्यादा कचरा निकल रहा है। एमसी के कार्यकारी अभियंता पदम भूषण ने कहा कि विरोध को देखते हुए सोतई गांव में डंपिंग स्टेशन बनाने की परियोजना को लगभग बंद कर दिया गया था।