भाजपा नेता किरीट सोमैया ने अंजनगांव सुर्जी में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले का खुलासा किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि इस घोटाले में बड़े पैमाने पर बोगस दस्तावेज तैयार किए गए हैं और ये दस्तावेज कई बेनामी व्यक्तियों के नाम पर बनाए गए हैं। सोमैया ने पुलिस को 100 सबूत सौंपे हैं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सोमैया के मुताबिक, कुछ लोगों ने 1940 के पुराने ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) भी जमा किए हैं, इससे यह साफ जाहिर होता है कि यह एक संगठित घोटाला है। उन्होंने यह भी कहा कि तहसील कार्यालय के कुछ अधिकारी भी इसमें शामिल हो सकते हैं और इसकी जांच जरूरी है।
सोमैया का यह भी आरोप है कि प्रशासन ने इस मामले को दबाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई जांच समिति ने निष्पक्ष जांच नहीं की और पूरी घटना को छिपाने की कोशिश की। उन्होंने जिलाधिकारी की भी जांच की मांग की है।
सोमैया ने यह भी दावा किया कि अमरावती और अकोला जिलों में कुल 30,000 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पूरे मामले की फॉरेंसिक ऑडिट कराई जाए, ताकि इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों को सजा मिल सके।
इससे पहले 3 फरवरी को किरीट सोमैया ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए मालेगांव में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के अवैध रूप से रहने के मुद्दे पर बड़ा खुलासा किया था।
सोमैया ने कहा था कि मालेगांव पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसमें आरोप है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा था कि मालेगांव में लगभग दो लाख बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। इनके खिलाफ हम लगातार अभियान चला रहे हैं। अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मालेगांव में अब तक तीन हजार से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के नाम सामने आ चुके हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की कोशिश की थी।
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