खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से मोगा जिले के बाघापुराना कस्बे में बड़े पैमाने पर नकली देसी घी बनाने वाली एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
अधिकारियों के अनुसार, शुद्ध देसी घी की सुगंध और बनावट की नकल करने के लिए रिफाइंड और वनस्पति तेलों को सिंथेटिक एसेंस के साथ मिलाकर नकली घी बनाया जा रहा था। फिर इस नकली उत्पाद को कई प्रसिद्ध ब्रांडों के लेबल के तहत पैक किया जाता था और वितरकों के एक नेटवर्क के माध्यम से स्थानीय बाजार में पहुँचाया जाता था।
खाद्य निरीक्षक लवदीप सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में मिलावटी घी, कच्चा माल और प्रतिष्ठित ब्रांडों के नाम वाली पैकिंग सामग्री जब्त की गई। उन्होंने कहा, “फैक्ट्री संचालक व्यावसायिक स्तर पर नकली घी का उत्पादन कर रहे थे, जिससे जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो रहा था।”
पुलिस ने इस रैकेट के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के चार निवासियों को गिरफ्तार किया है।
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आरोपी कुछ समय से इस क्षेत्र में सक्रिय था और मोगा तथा आसपास के क्षेत्रों में खुदरा विक्रेताओं तथा मिठाई की दुकानों को मिलावटी उत्पाद वितरित कर रहा था।
अधिकारी अब नकली घी बेचने में शामिल व्यापारियों और दुकानदारों की पहचान करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला के स्थानीय लिंक की जाँच कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मिलावटी उत्पाद की सटीक संरचना और संभावित स्वास्थ्य खतरों का पता लगाने के लिए जब्त सामग्री के नमूने प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेज दिए हैं।