राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंद राम मेघवाल का नाम रविवार देर रात उस समय अनावश्यक रूप से सुर्खियों में आ गया, जब उनके काफिले के साथ हुई एक साधारण सी घटना को सोशल मीडिया पर “हमले” के तौर पर प्रचारित कर दिया गया। हालांकि, जांच में पूरा मामला महज ओवरटेक को लेकर हुई एक मामूली कहासुनी का निकला।
घटना उस समय हुई जब मेघवाल, जो कांग्रेस के संगठनात्मक विस्तार के सिलसिले में जालौर दौरे पर हैं, पार्टी की बैठकों को संपन्न कर अपने होटल लौट रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उनके वाहन के चालक और एक अन्य कार में सवार युवकों के बीच ओवरटेक करने को लेकर बहस हो गई, जो कुछ ही देर में धक्का-मुक्की में बदल गई।
इस छोटी सी घटना की खबर कुछ ही समय में “पूर्व मंत्री पर हमला” के रूप में फैल गई, जिससे स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह केवल सड़क पर हुई एक आम कहासुनी थी, जिसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
घटना की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री ने जिला पुलिस अधीक्षक को फोन किया, जिसके बाद पुलिस ने संबंधित वाहन चालक को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया।
पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह एक बहुत ही मामूली बात थी। परिवार के साथ लौटते समय रास्ते में ओवरटेक को लेकर थोड़ी तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। इसे बड़ा रूप नहीं दिया जाना चाहिए।”
इस प्रकार, यह साफ है कि ओवरटेक को लेकर हुई एक सामान्य सड़क घटना को अफवाहों और गलत सूचना के कारण अनावश्यक रूप से बड़ा बना दिया गया, जबकि वास्तविकता में यह एक मामूली विवाद था जो कुछ ही समय में सुलझ गया।
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