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मारे गए ब्रिटिश भारतीय किशोर के परिवार ने ‘कुप्रबंधन’ के लिए की यूके पुलिस की आलोचना

Family of murdered British Indian teen criticizes UK police for 'mismanagement'

लंदन, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नॉटिंघम हत्याकांड के पीड़ितों के परिवारों ने ‘कुप्रबंधन’ के लिए पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि वे मामले में अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे।

गौरतलब है कि 19 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय ग्रेस ओ’मैली-कुमार, साथी छात्र बार्नबी वेबर और 65 वर्षीय स्कूल केयरटेकर इयान कोट्स की 13 जून, 2023 को नॉटिंघम विश्वविद्यालय के पास वाल्डो कैलोकेन ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी।

श्रॉपशायर स्टार अखबार ने सोमवार को बताया कि एक संयुक्त बयान में, पीड़ित परिवारों ने नॉटिंघमशायर पुलिस पर मामले में अपनी असफलता के विवरण को सार्वजनिक करने से रोकने के लिए मीडिया पर दबाव डालने का आरोप लगाया।

32 वर्षीय कैलोकेन को पिछले महीने अनिश्चितकालीन अस्पताल के आदेश की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने पुलिस व मनोचिकित्सकों की इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था कि वारदात के समय वह पैरानॉयड सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित था।

पीड़ित परिवारोें ने फैसले पर सदमे और गुस्से के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की। इसमें कहा गया था कि कैलोकेन को ‘मानसिक बीमारी’ के कारण हत्या के मुकदमे का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इसके अलावा, उन्होंने सुनवाई के दौरान यह सामने आने के बाद पुलिस की आलोचना की कि, उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर मृतकों के बारे में विवरण साझा किया था।

पीड़ित परिवारों ने सोमवार को जारी बयान में कहा,“हम चुप नहीं रहेंगे। इस व्यवहार पर ध्यान दिया जाना चाहिए और तत्काल बदलाव किए जाने चाहिए, अन्य निर्दोष परिवारों के साथ ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।”

उन्होंने बयान में यह भी उल्लेख किया कि पुलिस बल ने पिछले सप्ताह एक ऑफ-द-रिकॉर्ड प्रेस वार्ता की, जहां उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे चर्चा की गई जानकारी की रिपोर्ट नहीं कर सकते।

फिलहाल, पीड़ित परिवार गृह सचिव की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं और उन्होंने विपक्षी नेता कीर स्टार्मर को भी पत्र लिखकर उनसे और उनके छाया मंत्रियों के साथ बैठक की मांग की है।

मामले की सार्वजनिक जांच की मांग करते हुए, परिवारों ने प्रधान मंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की, जिन्होंने उनसे वादा किया कि मामले में उचित कार्रवाई होगी।

इस बीच, अटॉर्नी जनरल विक्टोरिया प्रेंटिस केसी एमपी ने कहा कि मामले की ऊपरी अदालत में अपील की जाएगी।

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