August 11, 2025
Entertainment

आईएफएफएम में चुनी गई फरहान अख्तर की ‘बूंग’, स्पॉटलाइट फिल्म के तौर पर होगा वर्ल्ड प्रीमियर

Farhan Akhtar’s ‘Boong’ selected at IFFM, will have world premiere as spotlight film

फिल्म निर्माता-अभिनेता फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट की मणिपुरी फिल्म ‘बूंग’ को मेलबर्न में होने वाले इंडियन फिल्म फेस्टिवल (आईएफएफएम) में स्पॉटलाइट फिल्म के रूप में चुना गया है।

‘बूंग’ लक्ष्मीप्रिया देवी की निर्देशन की पहली फिल्म है। लक्ष्मीप्रिया इंडस्ट्री में कई बड़ी फिल्मों जैसे ‘लक बाय चांस’, ‘तलाश’, ‘पीके’, और मीरा नायर की ‘अ सूटेबल बॉय’ में सहायक निर्देशक के तौर पर काम कर चुकी हैं। उनका यह डेब्यू प्रोजेक्ट इंडियन सिनेमा के पीछे छुपी प्रतिभा को दर्शाता है।

फेस्टिवल डायरेक्टर मीतू भौमिक लांगे ने कहा, ”मुझे बहुत खुशी है कि इस साल की स्पॉटलाइट फिल्म के रूप में ‘बूंग’ का वर्ल्ड प्रीमियर होगा। यह कहानी बहुत ही दिलचस्प और मजबूत है। लक्ष्मीप्रिया देवी की पहली फिल्म यह बताती है कि भारतीय फिल्मों के पीछे कितनी बड़ी और खास प्रतिभा काम करती है। आईएफएफएम हमेशा नई प्रतिभाओं और नए किस्सों को आगे लाने के लिए काम करता है, और ”बूंग” ऐसी ही एक कहानी है जो पूरी दुनिया में लोगों के दिल को छूती है।”

इस फिल्म में मुख्य भूमिका में गुनगुन किपगेन और बाला हिजाम हैं।

बता दें कि इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 2024 के टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में डिस्कवरी सेक्शन के तहत हुआ था।

फिल्म की कहानी ‘बूंग’ नाम के एक लड़के के बारे में है, जो अपने दोस्त सनमातुम के साथ अपने परिवार को फिर से एक साथ लाने के लिए एक सफर पर निकलता है। यह सफर उसकी मां का एक खास तोहफा होता है।

इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न 14-24 अगस्त के बीच आयोजित किया जाएगा। इस फेस्टिवल में दुनिया भर के फिल्मी कलाकार एक साथ आएंगे और यह भारतीय फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से जोड़ने का एक खास मंच प्रदान करेगा।

फरहान अख्तर के वर्कफ्रंट की बात करें तो वह जल्द ही ‘120 बहादुर’ फिल्म लेकर आने वाले हैं। यह युद्ध आधारित ड्रामा है, जिसका टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। इस फिल्म में फरहान मेजर शैतान सिंह भाटी की भूमिका निभा रहे हैं। यह कहानी 1962 में हुई रेजांग ला की लड़ाई से प्रेरित है, जहां भारतीय सेना की 13वीं कुमाऊं रेजिमेंट ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।

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