N1Live Haryana फरीदाबाद: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मंत्री और विधायक सक्रिय मोड में
Haryana

फरीदाबाद: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मंत्री और विधायक सक्रिय मोड में

Faridabad: Ministers and MLAs in active mode after crushing defeat in Lok Sabha elections

फरीदाबाद, 12 जून हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों और आगामी विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री और विधायक सक्रिय मोड में आ गए हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों ने सरकारी मशीनरी को दुरुस्त करने और चुनाव प्रक्रिया के कारण रुके विकास परियोजनाओं की गति को बढ़ाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि बल्लभगढ़ से विधायक तथा उद्योग, वाणिज्य एवं श्रम विभाग का प्रभार संभाल रहे कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देने के लिए पिछले 48 घंटों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ दो से अधिक बैठकें कीं, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों सहित अन्य पदाधिकारी भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए रणनीति तैयार करने या बैठकें आयोजित करने में शामिल रहे।

शर्मा ने आज यहां आयोजित बैठक में अधिकारियों से कहा कि बॉयलर वाले उद्योगों में सुरक्षा के प्रावधान सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

उपमंडल में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेते हुए शर्मा ने कार्यों को पूरा करने में किसी भी प्रकार की देरी या ढिलाई न बरतने की चेतावनी दी।

तिगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक राजेश नागर ने सोमवार को बिजली विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें पर्याप्त और नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। बताया जाता है कि उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली कॉलोनियों और गांवों के निवासियों की शिकायतों और शिकायतों पर ध्यान देने से संबंधित मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोमवार को पलवल में करीब 172 लाभार्थियों को 100 वर्ग गज के आवासीय भूखंडों के आवंटन पत्र वितरित करने के लिए आयोजित समारोह में कम से कम तीन विधायक और एक कैबिनेट मंत्री शामिल हुए। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार इसे आगामी विधानसभा चुनावों के उद्देश्य से लॉलीपॉप बांटने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक महेंद्र सिंह का दावा है, ”बैठकों की झड़ी, लगातार समीक्षा और सरकारी मशीनरी के प्रति सख्त रुख बढ़ने की संभावना है क्योंकि मंत्री या विधायक नहीं चाहते कि चुनाव से पहले कोई ऐसा मुद्दा उठे जिससे जनता में नाराजगी पैदा हो।” उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी सत्ता विरोधी लहर और अशांति से वाकिफ हो सकती है जिसके कारण स्थानीय भाजपा उम्मीदवार की जीत के अंतर में काफी कमी आई है।

भाजपा जिला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा ने कहा, “सरकार और उसकी मशीनरी सभी विकास परियोजनाओं को पूरा करने, शिकायतों का निवारण करने और चुनाव प्रक्रिया के कारण हुई देरी या नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।”

Exit mobile version