खेत मजदूरों ने चावल की सीधी बुवाई (डीएसआर) तकनीक का उपयोग करके धान और बासमती की खेती से हुए नुकसान के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की है।
पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला कहते हैं, “राज्य सरकार डीएसआर तकनीक को बढ़ावा दे रही है, लेकिन उसने खेत मजदूरों के बारे में नहीं सोचा है। हमारे द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, मुक्तसर, अमृतसर, बठिंडा, फाजिल्का और गुरदासपुर जिलों में इस धान की बुआई के मौसम में खेत मजदूरों को लगभग 90 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।”