अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों में बेमौसम बारिश और तेज हवाओं ने धान की खेती करने वाले किसानों को चिंता में डाल दिया है। कई जगहों पर धान की फसल गिर गई है, जबकि अनाज मंडियों में खुले में पड़ी फसल भी पूरी तरह भीग गई है, जिससे फसल में नमी का स्तर बढ़ गया है। शुक्रवार तक अंबाला छावनी अनाज मंडी में करीब 32,000 क्विंटल धान का स्टॉक आ चुका है।
14 एकड़ की फसल बर्बाद मैंने 14 एकड़ में धान की फसल बोई है। बारिश के कारण मेरी फसल गिर गई है। इससे फसल में देरी होगी और पैदावार पर असर पड़ेगा। मैं आलू की फसल भी उगाता हूं, लेकिन बारिश के कारण बुवाई में देरी हो रही है। राजीव शर्मा, किसान
हसनपुर गांव के किसान राजीव शर्मा कहते हैं, “मैंने 14 एकड़ में धान की फसल बोई है। बारिश और तेज हवाओं के कारण मेरी फसल गिर गई है, जिससे कटाई में देरी होगी और पैदावार पर असर पड़ेगा। मैं आलू की फसल भी उगाता हूं, लेकिन बारिश के कारण बुवाई में देरी हो रही है।”
भारतीय किसान मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष सुखविंदर सिंह कहते हैं, “धान के साथ-साथ बारिश ने सब्जी की फसलों को भी प्रभावित किया है। पहले किसान 120 दिन की अवधि वाली धान की किस्में उगाते थे, लेकिन पिछले कई सालों से किसान 90 दिन की अवधि वाली किस्मों की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि इनमें पानी की कम जरूरत होती है और ये जल्दी पक जाती हैं। सरकार को धान की खरीद पहले ही शुरू कर देनी चाहिए और 15 सितंबर के आसपास खरीद शुरू कर देनी चाहिए, ताकि फसल समय पर कट जाए।”
अंबाला के कृषि उपनिदेशक डॉ. जसविंदर सिंह ने कहा: “कुछ क्षेत्रों में फसलें बर्बाद होने की खबरें हैं। नुकसान की सीमा का पता लगाने के लिए विभाग सर्वेक्षण करेगा।” इस बीच, कुरुक्षेत्र जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सैनी ने कहा: “धान की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएँ की गई हैं।”
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