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फरुखनगर को उपमंडल का दर्जा दिया जाए : प्रजापति संघ

Farukhnagar should be given sub-division status: Prajapati Sangh

गुरुग्राम, 16 जुलाई फरुखनगर को उपमंडल का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रजापति संघ के सदस्यों ने डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा को ज्ञापन सौंपा है। गुरुग्राम से 21 किलोमीटर दूर स्थित फरुखनगर की आबादी करीब 2.5 लाख है और यह अभी भी तहसील है। कस्बे के निवासी 2021 से ही अपनी मांग उठा रहे हैं।

निवासियों का कहना है कि जबकि मानेसर, सोहना, पटौदी और बादशाहपुर जैसे अन्य सभी शहरों को बहुत पहले उपविभाग बना दिया गया था, उनके शहर को सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद नजरअंदाज किया गया है।

ज्ञापन में कहा गया है, “अब समय आ गया है कि हमें गुरुग्राम जाने के बजाय अपने शहर में ही सभी सरकारी सुविधाएं मिलनी चाहिए। हम सभी शर्तों को पूरा करते हैं और राज्य सरकार लंबे समय से इसका वादा कर रही है। हम चाहते हैं कि सरकार चुनाव से पहले हमारी मांग स्वीकार करे और हमें हमारा हक दे। हम न केवल एवियन पर्यटन के मामले में सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक हैं, बल्कि एक विरासत शहर भी हैं, जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता है।”

इससे पहले, समुदाय ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी इसी तरह के अनुरोध और ज्ञापन सौंपे थे।

गंगवा ने कहा, “यह एक वास्तविक और लंबे समय से लंबित मांग है और मैं व्यक्तिगत रूप से इसे मुख्यमंत्री के समक्ष उठाऊंगा तथा कैबिनेट समिति को इसकी सिफारिश करूंगा।” निवासियों का कहना है कि भाजपा के लिए मतदाताओं के प्रति अपनी अच्छी मंशा साबित करने का यह सही समय है।

प्रजापति संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार कहते हैं, “सरकार उद्घाटनों की होड़ में लगी है और पूरे राज्य में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। साथ ही, वह कॉलोनियों को नियमित भी कर रही है। आजादी से पहले फरुखनगर तहसील था और तब से हमारी अनदेखी की जा रही है। एक के बाद एक सरकारों ने आंखें मूंद रखी हैं। बाकी चारों कस्बों को उपखंड का दर्जा मिल चुका है। हमें क्यों छोड़ दिया गया?”

फरुखनगर प्रसिद्ध सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य के लिए जाना जाता है। यह एनसीआर में ऐतिहासिक धरोहर स्थलों में से एक है। इस शहर की स्थापना 1732 में नवाब फौजदार खान ने की थी, जो मुगल साम्राज्य के गवर्नर थे।

19वीं सदी के अंत तक फारुखनगर नमक के व्यापार के कारण फला-फूला और 20वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश शासन के दौरान इसे छोड़ दिया गया। फौजदार खान द्वारा निर्मित शीश महल, बावली और जामा मस्जिद जैसे स्मारक लोकप्रिय आकर्षण हैं।

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