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गुरुग्राम समाधान शिविर में सबसे खराब निवारण स्कोर वाले 10 विभागों पर प्रकाश डाला गया

Gurugram Samadhan Camp highlights 10 departments with worst redressal scores

गुरुग्राम, 16 जुलाई यदि गुरुग्राम में चल रहे समाधान शिविर के दौरान प्राप्त रुझानों और आंकड़ों पर गौर करें तो नगर निगम में सबसे अधिक जन शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से कई का समाधान भी किया जा चुका है।

जिला प्रशासन प्रतिदिन डीसी कार्यालय में आयोजित समाधान शिविरों के दौरान एकत्रित आंकड़ों को एकत्रित कर उनका विश्लेषण कर रहा है।

प्रशासन ने 10 प्रमुख विभागों की पहचान की है जहां जन शिकायतों का समाधान नहीं हो पाया है तथा उन्हें सुधार के लिए कार्य करने को कहा है। अधिकारियों को शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा करने को कहा गया

हमने इन 10 विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर उन्हें जल्द से जल्द जन शिकायत निवारण करने को कहा है। – निशांत यादव, उपायुक्त

आंकड़ों के अनुसार, अब तक समाधान शिविरों में 1,458 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 842 का समाधान किया गया और 616 लंबित हैं। इनमें से 336 शिकायतें एमसीजी से संबंधित थीं। अधिकारी केवल 101 शिकायतों का समाधान करने में सफल रहे हैं, जबकि 235 लंबित हैं। अधिकांश शिकायतें संपत्ति पहचान में चूक और स्वच्छता संबंधी समस्याओं से संबंधित हैं। इसके बाद राजस्व विभाग का स्थान आता है, जिसमें लगभग 100 शिकायतें हैं, जिनमें से 88 का समाधान किया गया है।

डीसीपी (मुख्यालय) कार्यालय तीसरे स्थान पर है, जहां 90 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से अधिकांश शिकायतें एफआईआर दर्ज न किए जाने या एफआईआर के बाद कोई कार्रवाई न किए जाने से संबंधित थीं और केवल 51 शिकायतों का समाधान किया गया। जिला पंचायत विकास विभाग ने 71 शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें से 46 का समाधान किया गया है। 65 शिकायतें डीएचबीवीएन से संबंधित थीं, जिनमें से अधिकांश बिल्डर कॉलोनियों से थीं और इनमें से 32 का समाधान किया गया है। एचएसवीपी को 61 शिकायतें प्राप्त हुईं और 35 का समाधान किया गया।

नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग को 60 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 42 का समाधान हो चुका है। दिलचस्प बात यह है कि पटौदी और सोहना में एसडीएम कार्यालयों को क्रमशः 22 और 19 शिकायतें मिली हैं, लेकिन अभी तक किसी का भी समाधान नहीं हुआ है।

डीसी निशांत यादव ने कहा, “हमने इन 10 विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया है और उन्हें जल्द से जल्द जन शिकायत निवारण करने को कहा है। विभागों का दावा है कि कुछ मुद्दे न्यायालय में विचाराधीन हैं। फिर भी, समाधान शिविरों में प्राप्त होने वाली शिकायतों की प्रकृति इस बात पर प्रकाश डालती है कि इन्हें विभाग स्तर पर आसानी से हल किया जा सकता था। कई शिकायतें सालों से लंबित हैं। हमने इन सभी विभागों से अपने निवारण तंत्र को सुधारने और यदि आवश्यक हो तो जनसभा का समय बढ़ाने को कहा है।”

स्वच्छता संबंधी शिकायतों का 24 घंटे के भीतर समाधान करने के लिए नगर निगम को विशेष नोट भेजा गया है, ताकि आवेदकों को शिविरों में न जाना पड़े।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कई जिलों में शिकायत निवारण प्रणाली के प्रति राज्य सरकार की कथित उदासीनता महंगी साबित हुई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने 11 जून को समाधान शिविर शुरू किए थे। इस प्रणाली के तहत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एक जगह पर एकत्रित होते हैं और लंबित शिकायतों का समाधान करते हैं। गुरुग्राम में अब तक प्राप्त शिकायतों में से करीब 60 प्रतिशत का समाधान किया जा चुका है।

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