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पिछले 4 वर्षों में भारत में एफडीआई प्रवाह 1,000 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पार

FDI inflow into India crosses US$ 1,000 billion in last 4 years

नई दिल्ली, 9 दिसंबर । उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह बढ़कर 1,033.40 बिलियन डॉलर हो गया है, जो देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में बढ़ते निवेश के अवसरों को दर्शाता है।

एफडीआई से लाभान्वित होने वाले अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, आईटी हार्डवेयर, दूरसंचार, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन और सेवाएं शामिल हैं।

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि उभरते गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह में बड़ी उछाल दर्ज की गई है।

एफडीआई प्रवाह से अर्थव्यवस्था में अधिक निवेश और रोजगार सृजन होता है और अत्याधुनिक तकनीक आती है जो उत्पादकता के स्तर को बढ़ाती है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने व्यापार करने में आसानी को सुगम बनाया है और पीएलआई योजना जैसे विभिन्न प्रोत्साहन लागू किए गए हैं, जिससे देश में एफडीआई के प्रवाह में तेजी लाने में मदद मिली है।

डीपीआईआईटी के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में एफडीआई में उछाल जारी रहा है और अप्रैल-सितंबर में यह 45 प्रतिशत बढ़कर 29,790 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 के दौरान इसी अवधि में यह 20,488 मिलियन अमरीकी डॉलर था।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सेवाओं में एफडीआई बढ़कर 5.69 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। चालू वित्त वर्ष के दौरान जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए एफडीआई प्रवाह 43 प्रतिशत बढ़कर 13.6 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 समान अवधि में यह 9.52 अरब डॉलर था।

राज्यवार आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-सितंबर 2024-25 के दौरान महाराष्ट्र में सबसे अधिक 13.55 बिलियन डॉलर का प्रवाह हुआ।

कर्नाटक में 3.54 बिलियन डॉलर, गुजरात में 3.94 बिलियन डॉलर, दिल्ली में 3.20 बिलियन डॉलर, तमिलनाडु में 1.62 बिलियन डॉलर, हरियाणा में 1.31 बिलियन डॉलर, तेलंगाना में 1.54 बिलियन डॉलर का प्रवाह रहा।

चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर के दौरान मॉरीशस से 5.34 बिलियन डॉलर, सिंगापुर से 7.53 बिलियन डॉलर, अमेरिका से 2.57 बिलियन डॉलर, नीदरलैंड से 3.58 बिलियन डॉलर, जापान से 1.19 बिलियन डॉलर, यूके से 188 मिलियन डॉलर, यूएई से 3.47 बिलियन डॉलर, केमैन आइलैंड्स 235 मिलियन डॉलर, साइप्रस से 808 मिलियन डॉलर और जर्मनी से 249 मिलियन डॉलर एफडीआई इक्विटी प्रवाह हुआ।

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