गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ उल्लेखनीय कार्य करने वाले एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों और साहसी नागरिकों को सम्मानित किया। इन नागरिकों ने भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज कर अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़वाने में अहम भूमिका निभाई थी।
राज्य भर में आयोजित निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में विजेता रहे 12 विद्यार्थियों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि अपने हक से अधिक न लेना भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सच्ची ड्यूटी वही है जिससे व्यक्ति को अपने ईमानदार काम से भीतर से संतोष मिले।
सीएम ने कहा कि एसीबी की छवि इतनी मजबूत और सतर्क होनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति गलत काम करने से पहले ही पकड़े जाने के डर से पीछे हट जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बनना चाहिए जिसमें भ्रष्टाचार पनप ही न सके। उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि मौजूदा नेतृत्व में गुजरात ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाया है। हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में अनिवार्य सेवानिवृत्तियां इसी सख्त नीति को दर्शाती हैं। उन्होंने एसीबी की उस सक्रियता की भी सराहना की, जिसमें निचले स्तर से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
पिछले तीन वर्षों में एसीबी ने 34 क्लास-I और 98 क्लास-II अधिकारियों को ट्रैप किया है। इस वर्ष ही 194 मामले दर्ज किए गए और 277 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सांघवी ने कहा कि तकनीक, विशेष रूप से एआई का उपयोग बढ़ाकर सतर्कता तंत्र को और मजबूत किया जा रहा है।
मुख्य सचिव एम.के. दास ने कहा कि भ्रष्टाचार वैश्विक चुनौती है और विकास में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों को होता है। उन्होंने बताया कि सीएम पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार नियमों को सरल बनाने, ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस सुधारने और राजस्व कानूनों में संशोधन जैसे कदम उठा चुकी है, ताकि भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम हों।
एसीबी निदेशक पियूष पटेल ने ‘विजिलेंस अवेयरनेस वीक’ के दौरान किए गए जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी दी। इनमें स्कूलों में निबंध-वक्ता प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, मैराथन, सरकारी दफ्तरों में ईमानदारी शपथ और जनता के बीच 1064 हेल्पलाइन के प्रचार जैसे कार्यक्रम शामिल थे। कार्यक्रम में सतर्कता आयुक्त संगीता सिंह, सीआईडी क्राइम एवं रेलवे डीजीपी डॉ. के.एल.एन. राव, एनएफएसयू कुलपति डॉ. जे.एम. व्यास सहित एसीबी अधिकारी, विद्यार्थी और भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले नागरिक उपस्थित रहे।

