शिमला, 15 जून राज्य के पांच जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की इकाइयां स्थापित की जाएंगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कल सभी उपायुक्तों को शिमला, मंडी, सिरमौर, चंबा और कुल्लू में एनडीआरएफ की छोटी इकाइयां स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान तलाशने के निर्देश दिए।
‘बांध अधिकारियों के साथ समन्वय’ शिमला, मंडी, सिरमौर, चंबा और कुल्लू में आपदा प्रतिक्रिया बल इकाइयां स्थापित की जाएंगी मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और राज्य में बांध अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर मानसून के दौरान जल स्तर में वृद्धि पर नजर रखें।
सक्सेना ने मानसून सीजन की तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को नदी किनारे रहने वाले प्रवासी मजदूरों को वहां से हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम को आपदा के दौरान लोगों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न का भंडारण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मानसून के दौरान जल स्तर में वृद्धि की निगरानी करने और प्रारंभिक निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के लिए केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और राज्य में बांध अधिकारियों के साथ समन्वय करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जल्द से जल्द सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी), राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी), हिमाचल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) और एचपीएसईबीएल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाएं। उन्होंने कहा, “बांध अधिकारियों को अपनी मशीनरी के कामकाज की जांच करनी चाहिए और बाढ़ जैसी स्थिति को कम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”
उन्होंने मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे पिछले साल बारिश की वजह से भारी नुकसान झेलने वाले डूब वाले स्थानों और बाढ़ और भूस्खलन के लिए सबसे ज़्यादा संवेदनशील स्थानों का दौरा करें। उन्होंने कहा, “अगर ऐसे इलाकों के निवासियों को कोई खतरा है, तो उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा सकती है।”
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