कानून प्रवर्तन एजेंसियों की परिचालन तत्परता बढ़ाने के प्रयास में, लाहौल और स्पीति जिले ने शनिवार को जिस्पा में बैट रेंज में अपनी वार्षिक फायरिंग ड्रिल का आयोजन किया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर आयोजित इस कार्यक्रम की देखरेख लाहौल और स्पीति के एसपी मयंक चौधरी ने की, जिन्होंने फायरिंग अभ्यास में भी भाग लिया।
फायरिंग ड्रिल डीएसपी, केलांग, राज कुमार की देखरेख में आयोजित की गई थी। इस व्यापक प्रशिक्षण पहल का उद्देश्य पुलिस कर्मियों की शूटिंग क्षमताओं और तत्काल प्रतिक्रिया कौशल में सुधार करना था। इस ड्रिल में वास्तविक जीवन परिदृश्यों में आग्नेयास्त्रों के सटीक और कुशल उपयोग में महारत हासिल करने के महत्व पर जोर दिया गया।
इस वर्ष के प्रशिक्षण में शूटिंग और आंसू गैस का उपयोग तथा कानून प्रवर्तन के समक्ष आने वाली समकालीन चुनौतियों का समाधान करना शामिल था। प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रकार के हथियारों का उपयोग किया, जिसमें सटीक निशाना लगाने और दबाव में निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित किया गया। आंसू गैस प्रशिक्षण को शामिल करना विशेष रूप से उल्लेखनीय था क्योंकि इसने अधिकारियों को भीड़ नियंत्रण और हिंसक विरोध प्रदर्शनों को प्रबंधित करने की रणनीतियों से लैस किया, जिससे आपात स्थितियों में त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता पर बल दिया गया।
एसपी मयंक चौधरी के अनुसार, यह ड्रिल न केवल एक व्यावहारिक प्रशिक्षण अभ्यास के रूप में कार्य करती है, बल्कि अधिकारियों के बीच आत्मविश्वास पैदा करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करती है।