अबोहर-श्रीगंगानगर राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट अबुलखुराना नाले के किनारे स्थित सैय्यदवाला गांव में 1 अगस्त को मौसम की पहली भारी बारिश के बाद से ही जलभराव हो गया है। सड़कों से पानी निकालने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार, यहाँ कुल 1,177 परिवार रहते हैं। 1997 में जब अबुलखुराना नाले के उफान पर होने से तबाही मची थी, तब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सैय्यदवाला का दौरा किया था। निवासियों को आश्वासन दिया गया था कि ऐसी स्थिति फिर नहीं आएगी।
स्थानीय निवासी सोनू सोखल, प्रदीप कुमार घोरेला, आत्मा राम और विनोद कुमार ने बताया कि बारिश का पानी कई घरों में घुस गया है और प्रशासन की ओर से कोई राहत व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों को हर दिन गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि मच्छरों की भरमार है और इससे बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
सरपंच के पति रमन चौधरी ने बताया कि 1 अगस्त की बारिश के बाद से प्रशासन ने इलाके से पानी की निकासी नहीं कराई है, और उसके बाद हुई मूसलाधार बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है। ग्रामीण खुद ही पानी की निकासी कर रहे हैं।
2020 में, नाले में दरार पड़ने से अबोहर और बल्लुआना क्षेत्र के 60 निचले गाँवों के 15,884 एकड़ में फैले कपास के खेतों में बाढ़ आ गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि तब भी प्रशासन ने आँखें मूंद ली थीं।
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