पटना, 2 अक्टूबर । बिहार में बाढ़ग्रस्त इलाकों को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली पर हमलावर है। राजद का आरोप है कि नीतीश कुमार बाढ़ पीड़ितों को लेकर ढुलमुल रवैया अपना रहे हैं। जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मंगलवार को इसी संबंध में अपना बयान जारी किया।
उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि आरोप लगाना अलग बात है, लेकिन नीतीश कुमार जब से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए हैं, तभी से वो इस बात पर बल देते हुए आ रहे हैं कि राजकोषीय कोष में अगर किसी का सबसे पहला अधिकार है, तो वह बाढ़ पीड़ितों का है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं पिछले 20 सालों से बिहार की स्थिति को बेहद ही बारीकी से परख रहा हूं। वहां जब कभी-भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए हैं, तो राजकोष को खुला छोड़ दिया गया। मेरे क्षेत्र में भी बाढ़ आई थी। मैं वहां खुद गया था। मैं फिर इस बात को दोहराता हूं कि आरोप लगाना अलग बात है, लेकिन किसी भी विषय पर बोलना अलग बात है। मैं वहां गया था। वहां की मौजूदा स्थिति को मैंने खुद करीब से देखा था। वहां पर महिलाओं के लिए विशेषरूप से कम्युनिटी किचन खोला गया। यह फैसला लिया गया था कि जो भी कम्युनिटी किचन में आएगा। उसे कपड़ा सहित अन्य वस्तुएं दी जाएंगी। यहां तक की सबको लोटा, थाली और गिलास तक देने का फैसला किया गया था। सभी को उसी में भोजन करने की व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी को कोई समस्या ना हो।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने यह भी स्पष्ट कहा है कि कोई भी पत्तल में नहीं खाएगा। पत्तल में खाने से बीमारियां फैलेंगी। कम्युनिटी किचन में पुड़ी नहीं खिलाई जाएगी, क्योंकि इसमें तेल का उपयोग किया जाता है, जिससे बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है। मैं तो कहता हूं कि आप एक बार मधुबनी और दरभंगा के इलाकों में जाइए, तो आपको पता लगेगा कि वहां पर उन्हें (नीतीश कुमार) कुंटलिया बाबा के नाम से पुकारा जाता है, क्योंकि जो भी आपदा पीड़ित परिवार थे, उनके घरों पर एक-एक कुंटल अनाज पहुंचा दिया, लेकिन अब अगर वो आरोप लगाना ही चाहते हैं, तो लगाने दीजिए।”
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