नूरपुर, 2 अगस्त भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कंडवाल में अंतरराज्यीय राजमार्ग पर चक्की पुल के चारों ओर सुरक्षा दीवार और चेक डैम के निर्माण पर 110 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं, वहीं एक पुराने ढह चुके रेलवे पुल का कबाड़ पानी के बहाव में बाधा बन रहा है।
अगस्त 2022 में पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरो गेज रेल ट्रैक पर पुल ढह जाने के बाद रेलवे चक्की नदी पर नया पुल बना रहा है। पुराने रेलवे पुल के कुछ हिस्से अभी भी नदी के तल में पड़े हैं, जिससे पानी का सुचारू प्रवाह बाधित हो रहा है। पिछले दो दिनों से ऊपरी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदी उफान पर है।
अंतरराज्यीय राजमार्ग पुल को बचाने के लिए करोड़ों खर्च करने वाला एनएचएआई इस कबाड़ को हटाने में विफल रहा है। कल बाढ़ के पानी के बहाव को अवरुद्ध करने वाले कबाड़ को देखने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि इससे सुरक्षा दीवार और चेक डैम को नुकसान पहुंचने के अलावा नदी के मार्ग में भी बदलाव हो सकता है। गौरतलब है कि कुछ साल पहले अचानक आई बाढ़ में चक्की पुल के दो खंभों का आधार नष्ट हो गया था, जिससे पुल को खतरा पैदा हो गया था।
शुरुआत में एनएचएआई ने खंभों को सुरक्षा दीवार बनाकर बचाने की कोशिश की थी। हालांकि, इससे अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए। आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की मदद से एनएचएआई ने खंभों को बचाने और नदी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा दीवार और चेक डैम का निर्माण किया। एनएचएआई ने
19 महीने बाद 29 मार्च को पुल को भारी यात्री वाहनों के लिए खोल दिया था। 21 जून को पुल को ट्रक और टिपर जैसे भारी और लोडेड वाहनों के लिए खोल दिया गया था।
इस बीच, स्थानीय विधायक रणबीर सिंह ने कहा कि एनएचएआई को नदी के तल से पुराने पुल का मलबा तुरंत हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एनएचएआई समय रहते कार्रवाई करने में विफल रहा, तो नदी अपना रास्ता बदल सकती है, जिससे 110 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके किए गए सुरक्षा उपाय खतरे में पड़ सकते हैं।