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पैराग्लाइडर पायलटों को बिलासपुर में सुरक्षा प्रशिक्षण दिया गया

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अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान (एबीवीआईएमएएस), मनाली, राज्य के टेंडम पैराग्लाइडिंग पायलटों को आपातकालीन पैंतरेबाज़ी और बिलासपुर के पास गोबिंद सागर झील में उतरने का प्रशिक्षण दे रहा है। 20 पायलटों के पहले बैच को आज अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

पाठ्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक जिमनर सिंह ने कहा कि ‘सिमुलेशन डी’इंसिडेंट’एन वॉल’ (एसआईवी) एक पैराग्लाइडिंग पाठ्यक्रम है, जो पायलटों को अस्थिर स्थितियों में ग्लाइडर को संभालने और उड़ान दुर्घटनाओं से उबरने में प्रशिक्षण देने में मदद करता है।

उन्होंने कहा कि एस.आई.वी. पाठ्यक्रम को पायलट की सुरक्षा और ग्लाइडर संचालन में समग्र उड़ान क्षमता में सुधार लाने के लिए डिजाइन किया गया है, इसके अलावा यह भी सिखाया जाएगा कि ग्लाइडर किस प्रकार व्यवहार करता है और आपातकालीन स्थितियों में उसे किस प्रकार नियंत्रित किया जाए।

बीर-बिलिंग की 20 वर्षीय टेंडम पायलट तरन्नुम ठाकुर ने कहा कि इस पाठ्यक्रम से उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ है, साथ ही उनकी उड़ान कौशल में भी सुधार हुआ है।

कुल्लू जिले के कटराईन के देवेश कुमार ने कहा कि वह ऐसे कौशल सीख रहे हैं जिनके बारे में उन्होंने पहले कभी नहीं सुना था। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से उन्हें ग्लाइडर को बेहतर तरीके से चलाने में मदद मिलेगी।

पर्वतारोहण संस्थान के निदेशक अविनाश नेगी ने कहा कि संस्थान ने 30 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान 150 स्लॉट खोले हैं और इच्छुक पायलट ऑनलाइन नामांकन करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी स्लॉट बुक हो चुके हैं और ज़रूरत पड़ने पर और स्लॉट दिए जाएँगे।

निदेशक ने बताया कि 20 पायलटों के बैच में एसआईवी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। क्षमता निर्माण प्रशिक्षण का उद्देश्य दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने में पायलटों को सक्षम बनाना है।

उन्होंने बताया कि संस्थान ने मार्च और अप्रैल में पोंग डैम में 150 पायलटों को प्रशिक्षित किया था। उन्होंने बताया कि एयरो स्पोर्ट्स नियमों के तहत यह कोर्स हर टेंडम पायलट के लिए अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि संस्थान इस मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने कहा कि एसआईवी पाठ्यक्रम नवंबर तक जारी रहेंगे।

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