जानकारी के अनुसार, टीम फैक्ट्री में कथित तौर पर बिना लाइसेंस के चलाए जाने की शिकायत के आधार पर पहुंची थी।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अमित चौहान ने बताया, “शिकायत मिलने के बाद हमने फैक्ट्री का निरीक्षण किया और नमूने लिए हैं। निरीक्षण के दौरान रिफाइंड तेल और वनस्पति के डिब्बे मिले हैं। संदेह है कि फैक्ट्री मालिक पनीर बनाते समय वसा की मात्रा बढ़ाने के लिए रिफाइंड तेल और वनस्पति का इस्तेमाल कर रहा था। फैक्ट्री पिछले कुछ महीनों से चल रही थी और वे बड़े पैमाने पर काम कर रहे थे। पांच क्विंटल से अधिक पनीर के नमूने लेने के बाद उसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया, क्योंकि यह जल्दी खराब होने वाला उत्पाद था।”
उन्होंने कहा, “हम ऐसे उत्पादों को बाजार में बिक्री के लिए जाने की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है। दूध और खोया के नमूने भी जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में भेजे गए हैं और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री मालिक मौजूद नहीं था और टीम के सामने कोई लाइसेंस भी पेश नहीं किया गया जिसके बाद मालिक को नोटिस जारी किया गया है।”
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