माले, विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार शाम तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मालदीव पहुंचे। जून में दूसरी बाद विदेश मंत्री का कार्यकाल संभालने के बाद वह पहली बार मालदीव गए हैं।
इससे पहले उन्होंने जनवरी 2023 में मालदीव का दौरा किया था।
विदेश मंत्री ने अपने आगमन के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मालदीव पहुंचकर खुशी हुई। हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने के लिए विदेश मंत्री मूसा ज़मीर को धन्यवाद। मालदीव ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘सागर’ के हमारे दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। नेतृत्व के साथ सार्थक बातचीत की आशा है।”
उम्मीद है कि दोनों देश अपने संबंधों पर नए सिरे से विचार करेंगे, जो पिछले मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से तनावपूर्ण हो गए हैं।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के रास्ते तलाशना है।
विदेश मंत्री जयशंकर मालदीव के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा के लिए अपने मालदीव समकक्ष के साथ बातचीत भी करेंगे।
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, “दोनों मंत्री उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं (एचआईसीडीपी) और एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया की लाइन ऑफ क्रेडिट सुविधा के तहत पूरी की गई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और क्षमता निर्माण, वाणिज्य और व्यापार के क्षेत्रों पर समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान का गवाह बनेंगे।”
मुइज्जू ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए नई दिल्ली का दौरा भी किया था।
विदेश मंत्री जयशंकर ने 9 मई को ज़मीर के साथ अपनी बैठक के दौरान कहा, “हमारे सहयोग ने साझा गतिविधियों, उपकरण प्रावधान, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से आपके देश की सुरक्षा और भलाई को भी बढ़ाया है। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध हमारे साझा हित में है।”
दोनों पड़ोसी देशों के बीच हालिया खटास के बावजूद, भारत ने मालदीव को चीनी, गेहूं, चावल, प्याज और अंडे सहित आवश्यक वस्तुओं का निर्यात जारी रखा था।
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