नई दिल्ली, 2 दिसंबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर में एक सहकारी बैंक द्वारा 2019 में एक फर्जी सहकारी समिति को 250 करोड़ रुपये के ऋण को कथित रूप से धोखाधड़ी से मंजूरी देने के मामले में राज्य में आठ स्थानों पर तलाशी ली। एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि टीम ने बैंक के तत्कालीन चेयरमैन समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया।
ईडी ने एक बयान में कहा, ”एजेंसी ने बैंक के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद शफी डार और रिवर जेहलम को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी के अध्यक्ष हिलाल अहमद मीर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया।”
ईडी का मामला कानून प्रवर्तन एजेंसी (श्रीनगर) द्वारा पांच आरोपी व्यक्तियों हिलाल अहमद मीर, रिवर जेहलम को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी के सचिव अब्दुल हामिद हजाम, तत्कालीन सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मोहम्मद मुजीब उर रहमान घासी, तत्कालीन उप. सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार सैयद आशिक हुसैन और बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष मोहम्मद शफी डार के खिलाफ रणबीर दंड संहिता और जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संवत 2006 (आईपीसी और पीसीए के अनुरूप) की विभिन्न धाराओं को लागू करने वाली एफआईआर और परिणामी आरोप पत्र पर आधारित है।
ईडी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि सभी आरोपी व्यक्तियों ने एक फर्जी सोसायटी, रिवर झेलम को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी के नाम पर बैंक से 250 करोड़ रुपये का ऋण ‘धोखाधड़ी’ से मंजूर कराने में कामयाबी हासिल की थी।
ईडी ने कहा, ”उसी ऋण राशि को भूमि पार्सल की खरीद के लिए किए गए भुगतान के रूप में, बिना किसी संपार्श्विक (कोलैटरल) सुरक्षा के और सभी नियामक प्रक्रियाओं को नजरअंदाज करते हुए, और पीएमएलए 2002 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से संबंधित आपराधिक साजिश के अनुसरण में निकाल लिया गया था।
इसमें कहा गया है कि तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरणों सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति दस्तावेज बरामद और जब्त किए गए हैं। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को शुक्रवार को श्रीनगर की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 2 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।