नई दिल्ली, 2 दिसंबर इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस ने अपने 300वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह अनुबंध उन्नत गैलियम नाइट्राइड सेमीकंडक्टर्स के डिजाइन विकास से संबंधित है। यह रडार से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर जैमर तक नेक्स्ट जेनरेशन के वायरलेस ट्रांसमीटर्स के लिए आवश्यक है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वर्तमान में, लगभग सभी जीएएन घटकों को एक संवेदनशील और अत्याधुनिक तकनीक के रूप में आयात किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि यह एक संवेदनशील और अत्याधुनिक तकनीक है। इसका निर्यात कई देशों द्वारा नियंत्रित और प्रतिबंधित है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा प्रस्ताव का लक्ष्य पूरी तरह से स्वदेशी जीएएन तकनीक का उपयोग करके भारत में रक्षा के लिए जीएएन घटकों को डिजाइन, विकसित और निर्माण करना है। इससे स्वदेशी डिजाइन और विकास क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे निर्यात सहित रक्षा क्षेत्र में अपार संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा।
रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव टी नटराजन ने 1 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली में रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने की उपस्थिति में मेसर्स एग्निट सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस ने हस्ताक्षर के नौ महीने के भीतर मील का पत्थर हासिल किया। 15 फरवरी, 2023 को स्प्रिंट पहल के तहत भारतीय नौसेना प्राइम चैलेंज के विजेता के साथ इसका 200वां अनुबंध शुरू किया गया। 150वें अनुबंध पर दिसंबर, 2022 में हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा सचिव ने नवप्रवर्तकों की सफलता पर उनकी सराहना की और स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के त्वरित विकास की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने 300वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस की सराहना की और अधिकारियों से नवप्रवर्तकों को रक्षा क्षेत्र से जोड़ने की प्रभावशाली गति बनाए रखने को कहा।