November 24, 2024
National

सीएम हाउस छोड़ नए आवास में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपना सरकारी आवास खाली कर दिया। वह सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैगस्टाफ रोड के सीएम आवास से लुटियंस दिल्ली के फिरोजशाह रोड पर बने बंगले में शिफ्ट हो गए है।

शुक्रवार को केजरीवाल और उनके परिवार द्वारा नए घर में प्रवेश करने से पहले यहां फिरोजशाह रोड के इस आवास में बाकायदा पूजा कराई गई। फिरोजशाह रोड का यह सरकारी आवास आम आदमी पार्टी के मुख्यालय के समीप है। यह सरकारी आवास, पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य अशोक मित्तल को आवंटित है।

दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस का सरकारी बंगला केजरीवाल को मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली दिया।

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल ने शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली दिया है और वह नए आवास में शिफ्ट हो गए हैं।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह नया ठिकाना नई दिल्ली में उनके विधानसभा क्षेत्र के भी समीप है। फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले इस सरकारी आवास में ही रहेंगे।

बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल आरोपी बनाए गए थे। उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया था। उनका कहना था कि दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, इस दाग के साथ वह जी भी नहीं सकते। केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने यह निर्णय लिया है कि वे जनता की अदालत में जाएंगे। जनता से पूछेंगे और जनता ही बताएंगी की वह बेईमान हैं या ईमानदार हैं।

इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई है।

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