बेंगलुरु, 3 अप्रैल । कर्नाटक के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता के.एस. ईश्वरप्पा बुधवार को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। ईश्वरप्पा ने घोषणा की है कि वह शिवमोग्गा संसदीय चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे।
उन्होंने यह भी कहा है कि वह तभी पीछे हटेंगे जब आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष पद से बी.वाई. विजयेंद्र को हटा देगा।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ईश्वरप्पा को निजी तौर पर फोन किया था और उन्हें दिल्ली आने को कहा था।
शिवमोग्गा में पत्रकारों से बात करते हुए ईश्वरप्पा ने कहा, ”मैं शाम 7.45 बजे तक नई दिल्ली पहुंच रहा हूं। मैं आलाकमान से मिलकर अपनी राय बताऊंगा। मैं बिना किसी कारण के पीछे नहीं हटूंगा।”
उन्होंने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के सहारे जीत हासिल करूंगा। यह सीट जीतने के बाद मैं अपनी जीत प्रधानमंत्री मोदी को समर्पित करूंगा। मुझे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर समर्थन मिल रहा है। सभी धर्मों, जातियों और मठाधीशों के लोग मेरा समर्थन कर रहे हैं। ईश्वरप्पा ने कहा, मुझे उम्मीदों से परे जीत हासिल करने का भरोसा है।”
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि बीजेपी नेतृत्व दिल्ली में बातचीत के बाद ईश्वरप्पा को मनाने को लेकर आश्वस्त है।
ईश्वरप्पा इस बात से दुखी हैं कि उनके बेटे के.ई. कंठेश को लोकसभा का टिकट नहीं मिला। उन्होंने पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब येदियुरप्पा केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे के लिए टिकट सुरक्षित कर सकते हैं, तो वो कंथेश के लिए टिकट क्यों नहीं कर सकते।
येदियुरप्पा ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ इसलिए कि उनके बेटे को टिकट नहीं मिला, ईश्वरप्पा इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते, इस संबंध में अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा।
येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. राघवेंद्र शिवमोग्गा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस पार्टी ने उनके खिलाफ शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा की बहन गीता शिवराजकुमार को मैदान में उतारा है। गीता पूर्व सीएम एस बंगारप्पा की बेटी और कन्नड़ सुपरस्टार डॉ. शिवराजकुमार की पत्नी भी हैं।
ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। ईश्वरप्पा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने से बीजेपी पर असर पड़ने की संभावना है।