N1Live Haryana जालसाजों ने एमएफएमबी पोर्टल का उल्लंघन किया, भिवानी, सिरसा जिलों में जमीन का पंजीकरण किया
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जालसाजों ने एमएफएमबी पोर्टल का उल्लंघन किया, भिवानी, सिरसा जिलों में जमीन का पंजीकरण किया

Fraudsters breach MFMB portal, register land in Bhiwani, Sirsa districts

हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के ऑनलाइन पोर्टल की सुरक्षा प्रणाली में सेंध लगाते हुए, साइबर जालसाजों ने कथित तौर पर विभिन्न राज्य सरकार की योजनाओं के तहत किसानों के लिए निर्धारित कल्याणकारी लाभों को हड़पने के प्रयास में लगभग 1.89 लाख एकड़ फसलों को अपने नाम पर पंजीकृत कर लिया है।

तकनीकी खामियों और सॉफ्टवेयर सुरक्षा की कमी के कारण यह सेंधमारी जारी रही, क्योंकि साइबर अपराधी “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर भूमि को अपने नाम पर पंजीकृत कराने में कामयाब रहे।

भिवानी ज़िले में, लगभग 7,780 किसानों की लगभग 1,50,000 एकड़ ज़मीन मूल ज़मींदारों या काश्तकारों के अलावा अन्य लोगों के नाम पर दर्ज कर दी गई। सिरसा ज़िले में भी, धोखेबाज़ों ने 39,000 एकड़ बाजरे की फ़सल की फ़र्ज़ी रजिस्ट्री कर दी। कृषि विभाग के सूत्रों ने खुलासा किया कि अपराधियों ने भावांतर भरपाई योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अनधिकृत तरीकों से प्राप्त किसानों के नाम, ज़मीन के रिकॉर्ड और आधार विवरण का इस्तेमाल करके ऑनलाइन प्रणाली का दुरुपयोग किया, जिसके तहत राज्य सरकार बाजरे पर 625 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देती है।

सिरसा सांसद कुमारी शैलजा ने एक बयान में कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार की तथाकथित डिजिटल व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई है क्योंकि ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर फर्जी पंजीकरण हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बोनस और मुआवजे के लिए आए करोड़ों रुपये धोखेबाजों ने हड़प लिए।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि ‘भावांतर भरपाई योजना’ जैसी योजनाएँ अब भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का अड्डा बन गई हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह राज्य सरकार की घोर लापरवाही, तकनीकी खामियों और निगरानी की कमी का नतीजा है। शैलजा ने कहा कि यह घटना साफ़ दिखाती है कि भाजपा सरकार किसानों के अधिकारों की रक्षा और डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है।

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