जनता भवन रोड स्थित दोपहिया वाहन बाजार के ऑटो मार्केट व्यापारियों और मैकेनिकों में निराशा चरम पर पहुंच गई है। व्यापारी प्रिंस शर्मा, इंद्रजीत अरोड़ा, नितिन और सुक्खा के नेतृत्व में उन्होंने सामूहिक रूप से सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं द्वारा वर्षों से अधूरे वादों के कारण आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
प्रिंस शर्मा ने बाजार की दुर्दशा पर प्रकाश डाला, जो लगभग 200 व्यापारियों और मैकेनिकों का भरण-पोषण करता है और लगभग 500 लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और विधायक गोपाल कांडा तथा उनके भाई गोबिंद कांडा के प्रति असंतोष व्यक्त किया, जो उन्हें भूमि उपलब्ध कराने के अपने वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं। कई बैठकों के बावजूद, वादा की गई भूमि का एक इंच भी आवंटित नहीं किया गया है।
व्यापारियों ने ऑटो मार्केट में बुनियादी सुविधाओं की कमी के बारे में अपनी शिकायतें व्यक्त कीं। यहां स्ट्रीट लाइट, उचित सड़कें, पीने के पानी की सुविधा, सुरक्षा या यहां तक कि पार्किंग की जगह भी नहीं है। इलाके में दो अस्पताल होने से स्थिति और भी खराब हो जाती है, जहां पार्किंग की कमी के कारण अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे मरीजों और व्यापारियों दोनों को ही परेशानी होती है।
राजनेताओं द्वारा दिए गए पिछले आश्वासनों और झूठे नक्शों से गुमराह महसूस करते हुए व्यापारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी समस्याओं का ठोस समाधान नहीं किया जाता, वे आगामी चुनावों में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाजार की चुनौतियों का समाधान किए बिना वे और उनके परिवार मतदान करने से परहेज करेंगे।
बैठक में बिन्नी मिस्त्री, ललित भारती, साहिल गिरधर, सोनू खराडिया, बाबू टायरवाला, राजकुमार सोनी, विकास गाबा, शक्ति, अशोक, पंकज रेलहान समेत कई व्यापारी शामिल हुए। सभी ने एकजुट होकर कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि अगर उनकी आवाज को अनसुना किया गया तो चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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