भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले या तो प्रदेश की जनता से किए गए वादों को पूरा करें या फिर इस्तीफा दें।
भाटिया ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार, वादे पूरे न करने और बिगड़ती कानून व्यवस्था का पर्याय बन चुकी है। उन्होंने कहा, “2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वादे तो किए, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें पूरा नहीं किया। प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री से जवाब चाहती है कि कांग्रेस ने वादे पूरे क्यों नहीं किए।”
उन्होंने कहा, “प्रियंका गांधी ने घोषणा की थी कि पांच लाख नौकरियां दी जाएंगी, जिसमें पहली कैबिनेट बैठक में एक लाख नौकरियां शामिल हैं। 28 लाख महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देने का वादा पूरा नहीं किया गया है और अब उनमें से कई को वंचित करने के लिए इसमें कुछ और शर्तें जोड़ दी गई हैं।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस को केवल एक परिवार की भलाई की चिंता है और हिमाचल के लोगों की उसे कोई चिंता नहीं है।”
भाटिया ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी केवल भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट की गारंटी दे सकते हैं। उन्होंने कहा, “यह देखना बहुत दुखद है कि सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। वफादारों को कैबिनेट रैंक आवंटित करने के मामले में सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है।”
उन्होंने कहा, “बर्बादी का जश्न नहीं हो सकता। हम यह समझने में विफल हैं कि दो साल का जश्न किस बात का है, जबकि कोई उपलब्धि नहीं है। हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर इस बात को लेकर सुर्खियों में है कि यहां लगभग दिवालियापन की स्थिति है, जहां सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ है।”
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, राज्य सरकार ने डीजल पर वैट में 7 रुपये की वृद्धि, स्टांप ड्यूटी में 500 प्रतिशत की वृद्धि, ‘टॉयलेट टैक्स’ लगाने और गायब हुए ‘समोसे’ की जांच के जरिए लोगों पर आर्थिक बोझ डाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को चार लेन सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए 1 लाख करोड़ रुपये, मनरेगा के तहत 2,000 करोड़ रुपये, आपदा न्यूनीकरण के लिए 1,800 करोड़ रुपये और जल जीवन मिशन के तहत 4,300 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
भाटिया ने कहा, “भले ही राज्य सरकार अपने कर्तव्य में विफल रही हो, लेकिन केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हिमाचल आगे बढ़े, क्योंकि यह देश का मुकुट है। हिमाचल समेत किसी भी राज्य के साथ भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है।”