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जी-20: डिजास्टर रिस्क रिडक्शन को लेकर आम सहमति बनाने में भारत ने निभाई अहम भूमिका

G-20: India played an important role in building consensus on disaster risk reduction.

 

नई दिल्ली, । उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सक्रिय भागीदारी के चलते जी-20 बैठक में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डीआरआर) पर फर्स्ट मिनिस्ट्रियल डिक्लेरेशन को अंतिम रूप देने पर आम सहमति बन गई। यह जानकारी शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।

जी-20 डिजास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप (डीआरआरडब्ल्यूजी) की मिनिस्ट्रियल मीटिंग 30 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2024 तक ब्राजील के बेलेम में आयोजित की गई।

बयान में कहा गया कि विभिन्न मंत्रिस्तरीय सत्रों के दौरान अपने व्याख्यानों में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने डिजास्टर रिस्क को कम करने और देश में डिजास्टर फाइनेंसिंग को बढ़ाने में भारत सरकार की कोशिशों को साझा किया।

मिश्रा ने डीआरआर के प्रति भारत के सक्रिय दृष्टिकोण और डीआरआरडब्ल्यूजी की पांच प्राथमिकताओं पर जोर दिया जिन्हें जी20 की भारतीय अध्यक्षता के दौरान घोषित किया गया था। इनमें प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा, डीआरआर फाइनेंसिंग, लचीली रिकवरी और प्रकृति-आधारित समाधान शामिल हैं।

बयान में कहा गया कि मिश्रा ने आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) की प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक पहल को भी साझा किया, जिसके अब 40 देश और सात अंतरराष्ट्रीय संगठन सदस्य हैं।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने सेंडाइ फ्रेमवर्क के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने वैश्विक स्तर पर आपदा सहनीयता बढ़ाने के लिए ज्ञान साझाकरण, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सतत विकास पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की अपील की।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के मंत्रियों के साथ ट्रोइका बैठक में भी भाग लिया। इसके अलावा मेजबान देश ब्राजील और अन्य देशों अर्थात् जापान, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, जर्मनी के मंत्रियों तथा आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

 

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