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अमेरिका में दिए राहुल गांधी के बयान पर गौरव वल्लभ का पलटवार, राहुल गांधी को यह दिव्य ज्ञान कहां मिला?

Gaurav Vallabh's counterattack on Rahul Gandhi's statement given in America, where did Rahul Gandhi get this divine knowledge?

नई दिल्ली, 11 सितंबर । भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरव वल्लभ ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान दिए बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कल राहुल गांधी कह रहे थे कि तेलुगु भाषा इस देश का सम्मान है, लेकिन आज वो बंगाली, मराठी जैसी भाषाओं का जिक्र कर रहे हैं। मैं उनसे यह जानना चाहता हूं कि आखिर उन्हें यह ज्ञान कहां प्राप्त हुआ? उन्हें कहां से यह जानकारी मिली? यह दिव्य ज्ञान कहां प्राप्त हुआ?

गौरव वल्लभ ने आगे कहा, “क्या राहुल गांधी को किसी ने टेलीग्राम करके यह जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी विशेष भाषा को निचले दर्जे का मानती है। क्या किसी आरएसएस के आदमी ने उनसे यह बात कही? राहुल गांधी को यह समझना होगा कि यह देश जन गण मन के आधार पर चलता है। इसमें कहा गया है, हे भारत के जन, हे भारत के मन, आप हम सभी के भाग्य विधाता हो, देश इस आधार पर चलता है कि पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, चाहे वो भारत का कोई भी राज्य, कोई भी भाषा हो, यहां हर भाषा का बराबर सम्मान है, हम किसी भी भाषा को कमतर आंकने की कोशिश नहीं करते हैं, और ना ही आरएसएस। हम सब यह जानना चाहते हैं कि आखिर राहुल गांधी को यह जानकारी कहां मिली?”

उन्होंने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “आपने इस बारे में कहां पढ़ा? आप खुद ही अपने मन में कोई बात सोच लेते हो और इसके बाद उसे सार्वजनिक करते हो। आरएसएस भारत की सभी भाषाओं का बराबर सम्मान करती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं की पूर्ण वकालत की गई है। इसमें सभी भारतीय भाषाओं में शिक्षा की वकालत की गई है, इससे शिक्षा की पहुंच भी विस्तारित हुई है, लेकिन दुख की बात यह है कि राहुल गांधी इस बात को समझने को तैयार नहीं हो रहे हैं। आपको इस बारे में जानकारी नहीं है, लिहाजा मैं आपसे यही कहना चाहूंगा कि आप विदेशी धरती पर जिस संगठन का नाम लेकर झूठ परोसने की कोशिश कर रहो हो, उसे बंद करो।”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को यह समझना होगा कि इस देश का नागरिक सभी भाषाओं को सम्मान देता है। ऐसे में उन्हें अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। अगर वो अपना दृष्टिकोण नहीं बदलेंगे, तो इससे उन्हें ही आगामी दिनों में राजनीतिक दुश्वारियों का सामना करना होगा।”

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