नई दिल्ली, अपने 74वें जन्मदिन पर भारत के महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपने शानदार क्रिकेट करियर की सबसे यादगार यादें साझा कीं। उन्होंने कहा, मेरे क्रिकेट करियर में इससे ज्यादा खास पल कभी नहीं रहा जब कपिल देव ने 1983 में एकदिवसीय विश्व कप ट्रॉफी जीती थी।
स्टार स्पोर्ट्स से गावस्कर ने कहा, “मैंने अपने क्रिकेट करियर में इससे अधिक ख़ास पल कभी नहीं देखा। आज भी जब मैं उस पल के बारे में सोचता हूं तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। इतने सालों बाद जब भी मैं उस पल के बारे में सोचता हूं जब कपिल देव ने ट्रॉफी उठाई थी तो आज भी मेरी आंखें नम हो जाती हैं।”
16 साल से अधिक लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में, गावस्कर ने 233 मैच खेले और लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज को 43 रन से हराकर इंग्लैंड में 1983 का एकदिवसीय विश्व कप भी जीता। उन्होंने 125 टेस्ट और 108 एकदिवसीय मैच खेले।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 35 शतक बनाए – टेस्ट में 34 और वनडे में एक, इसके अलावा 72 अर्धशतक – टेस्ट में 45 और वनडे में 27 और 1970 के दशक के अंत से 1980 के दशक की शुरुआत तक कई मौकों पर भारत की कप्तानी की। गावस्कर अब कमेंट्री करते हैं।
उन्होंने कहा, “देखिए, आप क्रिकेट में कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन खासकर जब आपकी टीम, जब आपका देश इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचता है, तो उससे आपको जो खुशी मिलती है, उसे आप माप नहीं सकते। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षण 1983 विश्व कप जीत है ।”