गया, 7 अगस्त । बिहार के वैशाली जिले में करंट की चपेट में आने से नौ कांवड़ियों की मौत की घटना से सबक लेते हुए गया जिला प्रशासन ने इस साल पितृपक्ष मेला में बिजली के तारों, ट्रांसफार्मरों समेत सभी चीजें दुरुस्त कराने का फैसला लिया है।
इसकी निगरानी खुद जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने मेला क्षेत्र में बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने मेला क्षेत्र में जर्जर और लटके हुए तारों, बिजली के खंभों और अन्य सभी चीजों की अच्छे तरीके से जांच करके इसे दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही गार्ड वायर भी लगवाने का निर्देश दिया है।
पिछले साल मेला क्षेत्र के विभिन्न बिजली के खंभों पर डाई इलेक्ट्रिक पेंट करवाया गया था, इस वर्ष भी ऐसा किया जा रहा है। वोल्टेज समेत विद्युत आपूर्ति के लिए 200 केवीए क्षमता वाले सात अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगवाए गए थे। इस वर्ष भी जहां भी कमी है, उसे ठीक करने की बात कही गई है।
गया के जिलाधिकारी त्यागराजन खुद लगातार पिंडवेदियों का निरीक्षण कर रहे है। उन्होंने जहां जो कमी दिखाई दी, उसे दूर करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 17 सितंबर से पितृपक्ष मेले का आगाज होगा।
पितृपक्ष मेले के दौरान देश ही नहीं विदेश से लाखों तीर्थयात्री गया आकर पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। इसमें पितरों का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि पितृ प्रसन्न होने पर जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करते हैं और जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करते हैं।
पितृपक्ष की वजह से ही गया, बिहार का एकमात्र ऐसा शहर है जिसे लोग ‘गया जी’ कहते हैं। विश्व प्रसिद्ध इस मेले को 2015 में राजकीय मेले का दर्जा मिला था। अब इस मेले को अंतरराष्ट्रीय मेला का दर्जे की मांग उठने लगी है।
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