पूर्व राज्य मंत्री असीम गोयल ने आज कहा कि गीता की शिक्षाएं हमें समाज पर बोझ बनने के बजाय उसकी परिसंपत्ति बनने की ओर ले जाती हैं। वह अंबाला शहर में जिला स्तरीय गीता महोत्सव समारोह के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
भाजपा नेता ने कहा, “भगवद्गीता हमारे समाज की धरोहर है, हमें इससे जुड़ना होगा और इसके दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुँचाना होगा। इस ग्रंथ में जीवन की संपूर्णता निहित है, जिसका प्रत्येक श्लोक इसकी झलक देता है। गीता जयंती महोत्सव जिले से लेकर राज्य स्तर तक मनाया जा रहा है, जबकि कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। यह देखकर बहुत खुशी होती है कि भगवद्गीता को अब वैश्विक मान्यता मिल गई है।”
“गीता पूरी मानवता के लिए है और दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों और विख्यात हस्तियों ने इसके संदेश की शक्ति को पहचाना है। भगवद्गीता में 700 श्लोक और 18 अध्याय हैं। अगर कोई व्यक्ति इसके एक भी श्लोक को अपने जीवन में आत्मसात कर ले, तो वह उसे पवित्र और सुखी बना सकता है। यह हमें एक सामाजिक संपत्ति बनने की प्रेरणा देती है। भगवद्गीता एक सामाजिक संपत्ति है, और हमें भगवद्गीता से जुड़ना चाहिए और इसका संदेश सभी तक पहुँचाना चाहिए,” गोयल ने कहा।
इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री ने विभिन्न विभागों की योजनाओं को प्रदर्शित करने वाले स्टालों का भी निरीक्षण किया तथा उपस्थित कर्मचारियों से कहा कि वे विभाग द्वारा दी जा रही सुविधाओं व लाभों के बारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पूरी जानकारी प्रदान करें।

