करनाल शहर के युवाओं में बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, मुक्केबाजी जिले के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक बनकर उभरी है, जहाँ लगभग 100 लड़के और लड़कियाँ हर सुबह और शाम बॉक्सिंग रिंग में पसीना बहाते हैं।
कर्ण स्टेडियम के बॉक्सिंग रिंग्स में एक जीवंत तस्वीर उभर रही है—दस्तानों की धमक और कोचों के निर्देशों की गूंज से। इन मार्गदर्शक आवाज़ों में कोच सुरेंद्र चौहान, संदीप और रवि लाठेर भी शामिल हैं, जो नई पीढ़ी के मुक्केबाजों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
युवाओं में बढ़ते उत्साह के बारे में बात करते हुए, चौहान ने कहा, “यहाँ के खिलाड़ी बेहद समर्पित हैं। उन्हें जो भी प्रशिक्षण दिया जाता है, वे उसे पूरी ईमानदारी से पूरा करते हैं। हमारे कई मुक्केबाज़ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं, जिससे करनाल और देश दोनों का नाम रोशन हुआ है।”
उन्होंने आगे कहा कि लड़के और लड़कियाँ दोनों ही इस खेल के प्रति समान उत्साह दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, “युवा लड़कियों को लड़कों के समान दृढ़ संकल्प के साथ बॉक्सिंग रिंग में उतरते देखना प्रेरणादायक है। उनका आत्मविश्वास और ताकत बदलते समय का सच्चा प्रतिबिंब है।”
कोच चौहान ने निशांत देव का नाम गर्व से लिया, जिन्होंने ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। चौहान ने कहा, “निशांत ने करनाल को वैश्विक स्तर पर गौरवान्वित किया है। अब हमारे युवा मुक्केबाज गंगा, मानषी, तमन्ना और गोरिश उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो निशांत के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।”


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