दक्षिण भारतीय सिनेमा के मशहूर संगीतकार गोपी सुंदर ने निर्देशक सुधीर अत्तावर की अपकमिंग फिल्म ‘कोरगज्जा’ पर बात की। उन्होंने फिल्म के संगीत को “अनोखा अनुभव” करार देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट ने उन्हें नए जॉनर को गढ़ने का अवसर दिया।
गोपी सुंदर ने कहा, “कोरगज्जा की थीम इतनी गहरी और शानदार है कि इसे संगीत में ढालना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक रहा। इस प्रोजेक्ट के लिए मुझे कर्नाटक के तुलु नाडु क्षेत्र की परंपराओं और सांस्कृतिक गहराई को समझना पड़ा। मैंने उन्हीं से प्रेरणा लेकर धुनों की रचना की। निर्देशक को मेरा काम पसंद आया, यह मेरे लिए सम्मान की बात है।”
फिल्म में कुल 6 गीत हैं, जिन्हें कई शैलियों और भाषाओं में कंपोज किया गया है। गीतों के बोल खुद निर्देशक सुधीर अत्तावर ने लिखे हैं। एक खास बात यह है कि इसमें शिव तांडव स्तोत्र के श्लोकों को आधुनिक संगीत के साथ मिलाकर एक विशेष ट्रैक तैयार किया गया है, जिसे शंकर महादेवन ने गाया है।
फिल्म के साउंडट्रैक में श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान, शंकर महादेवन, जावेद अली, स्वरूप खान और अरमान मलिक जैसे गायकों की आवाजें भी शामिल हैं।
गोपी सुंदर ने निर्देशक सुधीर अत्तावर के काम की सराहना करते हुए कहा, “उन्होंने फिल्म की कहानी की आत्मा को जिस तरह उकेरा है, वह आज के सिनेमा के दायरे से कहीं आगे है।”
निर्देशक सुधीर अत्तावर ने बताया कि ‘कोरगज्जा’ की कहानी फिल्म ‘कांतारा’ से पूरी तरह अलग है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक और केरल क्षेत्र में लगभग 5,000 देवों की पूजा होती है, जबकि ‘कांतारा’ में केवल एक देवता को दिखाया गया। इस विषय पर रिसर्च में उन्हें कार्यकारी निर्माता विद्याधर शेट्टी का महत्वपूर्ण सहयोग मिला।
‘कोरगज्जा’, त्रिविक्रम सिनेमा और सक्सेस फिल्म्स के बैनर तले बनी है। यह करावली क्षेत्र (तुलु नाडु) के पूज्य देवता कोरगज्जा पर आधारित है, जिसमें 800 साल पहले एक आदिवासी युवक के ‘कोरगज्जा’ रूप की गूढ़ और आध्यात्मिक यात्रा को दिखाया गया है।
फिल्म में कबीर बेदी, कोरियोग्राफर संदीप सोपारकर, गणेश आचार्य और साउथ सिनेमा के कलाकार भाव्या, श्रुति समेत अन्य अहम भूमिकाओं में हैं।
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