लंबे इंतजार और अनुत्तरित सवालों से तंग आकर गोराया निवासी युवक मनदीप कुमार के भाई जगदीप कुमार ने आज इंडिया गेट, नई दिल्ली में अपने भाई की रिहाई की मांग की। मनदीप कुमार कथित तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में फंसा हुआ है।
वह अपने भाई की तस्वीर वाला एक फ्लेक्स बैनर लेकर चल रहा था। भावुक जगदीप ने कहा, “मैं चाहता हूं कि अधिकारी और सरकार देखें और सुनें कि हम क्या कहना चाहते हैं। हम हर रोज पीड़ित हैं और मर रहे हैं।
मनदीप आजीविका कमाने के लिए अर्मेनिया गया था। फिर वह सोशल मीडिया के ज़रिए एक ट्रैवल एजेंट के संपर्क में आया जिसने उसे इटली भेजने का वादा किया। जगदीप ने बताया, “लेकिन जब मेरा भाई रूस पहुंचा तो उसे धोखे से रूसी सेना में भर्ती करा दिया गया।”
गौर करने वाली बात यह है कि गोराया पुलिस ने इस मामले में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गोराया एसएचओ ने कहा कि जांच जारी है और दो ट्रैवल एजेंटों का पता लगा लिया गया है। एसएचओ ने कहा, “वे होशियारपुर के हैं और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।”
“मैं यहाँ अपने बूढ़े माता-पिता के साथ रहता हूँ। हम एक-दूसरे की तरफ़ नहीं देखते, हम एक-दूसरे से बात नहीं करते। सब चुप हो गए हैं। हम उससे सुनने के लिए बेताब हैं। जब भी मैं घर जाता हूँ, मेरे माता-पिता उम्मीद करते हैं कि मैं आखिरकार उन्हें बता दूँ कि मनदीप ने फ़ोन किया था। कोई भी हमारा दर्द नहीं समझेगा,” परेशान जगदीप ने कहा।
उन्होंने केंद्र और पंजाब सरकार को कई ईमेल भी भेजे हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। भाई ने कहा, “युद्ध में लोगों के मरने की खबरों ने हमें स्तब्ध कर दिया है। हम बस मंदीप को वापस चाहते हैं।”